प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 9 मार्च (आईएएनएस)। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी उस्मान के एनकाउंटर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उस्मान की पत्नी सुहानी का दावा है कि उसके पति का नाम उस्मान नहीं, विजय चौधरी था।
सुहानी ने कहा, पूरा गांव उसे विजय के रूप में जानता है और कोई नहीं जानता था कि वह उस्मान था। हमें उसके मारे जाने के बाद पता चला। वह 5 मार्च की रात घर में था और 6 मार्च को सुबह 7 बजे घर से निकला था। पुलिस का दावा है कि 6 मार्च को तड़के मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई।
सुहानी ने कहा, 24 फरवरी को जिस दिन उमेश पाल की हत्या हुई, उस दिन मेरे पति घर पर थे। 27 फरवरी को वह अपने बड़े भाई राजेश पर दर्ज मुकदमे के सिलसिले में सतना गए थे और दो मार्च को घर लौटे।
सुहानी ने दावा किया कि उसका पति ड्राइवर के रूप में काम करता था और उसे अतीक अहमद के साथ उनके संबंध के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
उसने आरोप लगाया कि घटना के दिन पुलिस सुबह उसके पति और ससुर को उठा ले गई और उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए।
पुलिस पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुहानी ने कहा, पुलिस ने गलत किया है। कानून किसी को मारने के लिए नहीं बनाया गया है। कानून सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
उसने कहा कि पुलिस ने उसके पति को मार डाला, क्योंकि वे अपराधियों को ट्रैक नहीं कर सके और अपनी कहानी को विश्वसनीयता देने के लिए उसे एक मुस्लिम नाम दे दिया।
उसने कहा, हम मुस्लिम नहीं हैं। हमारे घर को देखें, इसमें हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें हैं और हम सभी हिंदू त्योहार मनाते हैं। इस गांव में हर कोई जानता है कि हम हिंदू हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विजय चौधरी उर्फ उस्मान के खिलाफ कौंधियारा और कीडगंज थाने में वाहन चोरी व अन्य अपराधों में कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि उसका भाई राजेश भी एक कुख्यात अपराधी है और वर्तमान में सतना जेल में बंद है।
उमेश पाल हत्यकांड मामले में एक अन्य आरोपी अरबाज भी 27 फरवरी को प्रयागराज में एक कथित मुठभेड़ में मारा गया था।
उसी दिन, पुलिस ने गाजीपुर निवासी 27 वर्षीय सदाकत खान को भी मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
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