तिरुवनंतपुरम, 9 मार्च (आईएएनएस)। कन्नूर में आलीशान आयुर्वेद रिसॉर्ट के स्वामित्व को लेकर माकपा के वरिष्ठ नेता और सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के संयोजक ई.पी. जयराजन की पत्नी और बेटे कंपनी को बेचकर कंपनी से बाहर निकलने पर विचार कर रहे हैं।
ई.पी.जयराजन ने बार-बार कहा है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है और उनका कोई हिस्सा नहीं है। उनकी सेवानिवृत्त सहकारी बैंक कर्मचारी पत्नी पी.के. इंदिरा रिसॉर्ट की मालकिन है और उनका बेटा जैसन एक संस्थापक निदेशक है।
दिग्गज नेता के लिए परेशानी तब शुरू हुई, जब उनकी पार्टी के सहयोगी पी.जयराजन, जो कन्नूर से ही हैं, ने कथित तौर पर रिसॉर्ट के बारे में मुद्दा उठाया और पूछा कि पहली पिनाराई विजयन सरकार (2016-21) में राज्य के पूर्व उद्योग मंत्री जयराजन का परिवार कैसे आया। ) कंपनी में शामिल होने में सक्षम था।
शीर्ष अधिकारियों ने मीडिया पर मनगढ़ंत कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया और रिसॉर्ट और जयराजन या उनके परिवार की भूमिका के बारे में खबरों को खारिज कर दिया।
लेकिन बचाव टिक नहीं पाया, क्योंकि आयकर की टीडीएस शाखा ने हाल ही में रिसॉर्ट में दस्तक दी और प्रवर्तन निदेशालय को एक शिकायत मिली कि 20 करोड़ रुपये से अधिक में बना रिसॉर्ट काले धन का अड्डा है और शिकायत की जांच शुरू कर दी।
ई.पी. जयराजन, जो पार्टी में अपनी वरिष्ठता की अनदेखी करने और अपने कनिष्ठ एम.वी.गोविंदन को नए राज्य सचिव के रूप में नियुक्त करने और उन्हें पोलित ब्यूरो में प्रोन्नत करने के लिए नेतृत्व से कट गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने उन्हें यह देखने के लिए कहा है कि उनका परिवार उनकी पत्नी और बेटे के शेयरों को बेच दे।
इसके परिणामस्वरूप करीब 81 लाख रुपये का निवेश करने वाली इंदिरा और 10 लाख रुपये के शेयर के मालिक जैसन जल्द ही अपने शेयर बेचने जा रहे हैं।
पार्टी को उम्मीद है कि ऐसा होने के बाद, वे वर्तमान विवाद पर पर्दा डाल सकते हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या शेयरों की बिक्री से उन्हें राष्ट्रीय एजेंसियों को दूर रखने में मदद मिलेगी?
–आईएएनएस
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