नई दिल्ली. Ghibli फीचर का इस्तेमाल उपयोगकर्ताओं के लिए महंगा पड़ सकता है. चैटजीपीटी का नया फीचर, जो यूजर्स को अपनी तस्वीरों को स्टूडियो घिबली (Ghibli) जैसी एनिमेटेड शैली में बदलने की सुविधा देता है, सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रहा है. 30 मार्च को चैटजीपीटी का सर्वर भी क्रैश हो गया था. साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञों का कहना है कि इस फीचर का उपयोग करने से उपयोगकर्ता संवेदनशील जानकारी को साझा कर सकते हैं, जिससे निजी डेटा की चोरियां और वित्तीय धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
ओपनएआई के चैटजीपीटी का नया फीचर, जो यूजर्स को अपनी तस्वीरों को स्टूडियो घिबली (Ghibli) जैसी एनिमेटेड शैली में बदलने की सुविधा देता है, सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रहा है. 26 मार्च को लॉन्च होने के बाद से ही यह फीचर लाखों यूजर्स को आकर्षित कर रहा है, जिससे 30 मार्च को शाम 4 बजे चैटजीपीटी का सर्वर भी क्रैश हो गया.
हालांकि, इस फीचर की बढ़ती लोकप्रियता के बीच साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसके इस्तेमाल को लेकर चिंताएं जताई हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस एआई आर्ट जनरेटर के कारण यूजर्स की निजी तस्वीरों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. कई साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस टूल को लेकर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इस ट्रेंड के चलते चैटजीपीटी के पास लोगों की कई निजी तस्वीरों का एक्सेस चला जाएगा, जिसका इस्तेमाल वह अपने एआई मॉडल्स को प्रशिक्षित करने में कर सकता है.
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, इस ट्रेंड के कारण कई यूजर्स अपनी निजी तस्वीरों के साथ-साथ अपना यूनीक फेशियल डेटा भी ओपनएआई के साथ साझा कर रहे हैं, जो भविष्य में जोखिम भरा साबित हो सकता है. एक साइबर आलोचक का यह भी मानना है कि ओपनएआई का यह डेटा संग्रह दृष्टिकोण एआई कॉपीराइट से जुड़े मामलों को भी दरकिनार कर सकता है. यह कंपनी को यूजर्स द्वारा सबमिट किए गए फोटो को कानूनी प्रतिबंधों से बचने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकता है.
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि घिबली ट्रेंड के कारण ओपनएआई को जीडीपीआर (GDPR) जैसे नियमों को दरकिनार करते हुए यूजर्स के फेशियल डेटा का इस्तेमाल करने की आजादी मिल जाएगी. यही वजह है कि कई साइबर सुरक्षा कार्यकर्ता यूजर्स से इस ट्रेंड को फॉलो न करने और अपनी निजी तस्वीरें अपलोड करने से बचने की सलाह दे रहे हैं.
खतरे?
* यूजर्स की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों का विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
* तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करके पहचान चुराई जा सकती है.
* यूजर्स की निजी जानकारी हैकर्स के हाथों लग सकती है.
* तस्वीरों का दुरुपयोग करके नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाए जा सकते हैं.
* तस्वीरों के गलत इस्तेमाल होने पर यूजर्स कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं.
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे इस तरह के ट्रेंड्स में भाग लेने से पहले अपनी निजी जानकारी और तस्वीरों की सुरक्षा के बारे में सावधानी बरतें.