जबलपुर, देशबन्धु. शहर में आए दिन वाहन दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, और इन दुर्घटनाओं की चिंताजनक बात ये है कि इनमे होने वाली मौतें, और इनमे भी युवाओं की संख्या ज्यादा है. विकास के तेज रफ्तार की कीमत सड़कों पर आए दिन होने वाली मौतों से लोग अपनी जान देकर चुका रहे हैं. पुलिस के द्वारा जारी रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रदेश में वर्ष, 2022 में वाहन दुर्घटनाएं लगभग 4000 से ज्यादा जबलपुर में हुईं, और इनमे 481 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई.
यहां गौरतलब है कि ब्लैक स्पॉट पर देशबंधु 2024 में जुलाई और अगस्त के अंक में एक पूरी श्रृंखला 7 किश्तों मे प्रकाशित कर चुका है, देशबंधु की ख़बर को संज्ञान में लेते हुए, सड़क सुरक्षा की बैठक में चिंता जाहिर करते हुए तत्कालीन कलेक्टर एस पी ने ब्लैक स्पॉट का दौरा करके चिन्हित 38 ब्लैक स्पॉट में आवश्यक कार्यवाही कर दुर्घटनाओं को रोकने तथा सड़क निर्माता एजेंसियों को सड़क दुर्घटना क्षेत्र के संबंध में अध्ययन करने तथा उसके समुचित निदान की कार्य योजना बनाकर अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित
अगर बात प्रदेश की करें तो 2022 में वाहन दुर्घटनाओं प्रदेश के जिन शहरों में 1000 से ज्यादा मौतें हुई, उन शहरों की संख्या 21 है. इन दुर्घटनाओं का चिंताजनक पहलू ये है कि हर वर्ष इन दुर्घटनाएं का आंकड़ा निरन्तर बढ़ रहा है .
जबलपुर देश में वाहन दुर्घटनाओं के मामलों में तीसरे स्थान का महानगर
विगत वर्षों में लगभग 3 दर्जन ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए थे. इनमें से काफ़ी ठीक कर लिए गए हैं, लेकिन 9 अभी भी बचे हैं, इन बचे हुए ब्लैक स्पॉट पर 70 से एजेंसियों को दिए गए थे. लेकिन हालात आज भी जस के तस हैं. अभी हाल ही में तिलवारा मोड़ पर बस पलट जाने से, 4 मौतें हो गई है, गौरतलब है कि ये वही ब्लैक स्पॉट था जिसे चिन्हित कर कलेक्टर ने एक साल पहले सुधार के निर्देश दिए
थे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और मानव जीवन को सुरक्षित करना तथा इसके लिए सभी आवश्यक उपाए अपनाने की जरूरत समझी गई जिससे दुर्घटना में किसी की मृत्यु न हो.
वाहन दुर्घटनाओं की मुख्य वजह
शराब पीकर वाहन चलाना तेज गति से वाहन चलाना
वाहन चलाते समय मोबाईल पर बात करना
लाल बत्ती का उल्लंघन करना ब्लैक स्पॉट, सड़क की गलत डिजाइनिंग,
– बिलहरी मे हाकिम सिंह की डेयरी के के पास तेज घुमावदार मोड़ मे हर साल होने वाली दुर्घटनाओं में दर्जन भर मौतें हो जाती हैं .
इलाहाबाद बैंक तिराहे की गलत डिजाइनिंग के कारण हर दिन एक हादसा हो रहा है.
-रानीताल, चौराहा व्यवस्थित ना होने का कारण हादसे होते रहते हैं. दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि, इन दुर्घटना वाले कई स्थानों पर सावधान वाहन धीमे चलाएं या फिर अंधा मोड़ जैसे ही चेतावनी संकेत पट्टिका भी नही लगी. ऐसे दुर्घटना वाले क्षेत्रों के लिए एक बेहद जरूरी चेतावनी संकेतक, बिल्कुल धीरे चलें, या डैड स्लो की तो एक भी पट्टिका शहर में नही लगी. ब्लैक स्पॉट कब तक सुधार दिये जाऐंगे इस पर कोई भी जवाबदार अधिकारी चौकीताल बायपास चौराहे पर भी जवाब देने को तैयार नहीं.