जबलपुर, देशबन्धु. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में दिन प्रतिदिन मैदानी और कार्यालय में काम करने वाले स्टाफ की कमी का सिलसिला जारी है. इससे हालात बिगड़ते हालात का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मूल काम के अतरिक्त कार्य भी अधिकारियों और कर्मचारियों को सौंपे जा रहे हैं. इससे कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होने लगी है.
इस तरह का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीडब्लूडी के संभाग एक और दो स्थित कार्यापालन यंत्री कार्यालयों में कई माह से देखने में आ रहा है कि अधिकारी की तैनाती जिस कार्य के लिये की जाती है, उससे अतरिक्त कई तरह के काम का भी बोझ इन पर पड़ रहा है. इससे कोई भी काम ईमानदारी से संपन्न नहीं हो पा रहा है. ऐसा नहीं है इसकी जानकारी आला अधिकारियों को नहीं है, बल्कि पूरे विभाग में इसकी जानकारी है. फिर भी स्थिति सुधरने की बजाय खराब हो रही है.
सबसे ज्यादा असर वाले सेक्शन- सूत्रों के अनुसार लोक निर्माण विभाग के जिन विंग में इस तरह की समस्या व्याप्त है,
इसीलिये समस्या का स्थायी हल होने की संभावना दूर-दूर नजर नहीं आ रही है. उनमें लेखा शाखा, डिजाईन सेक्शन, सर्वेयर शाखा, इत्यादि विंग शामिल हैं. यहां के कमोवेश ज्यादातर स्टाफ काम के अतरिक्त बोझ से हलाकान हैं.
इन पोस्ट वाले अधिकारी प्रभावित
सूत्रों के अनुसार वैसे तो ज्यादातर पोस्ट वाले अधिकारी और कर्मचारी इस समस्या से प्रभावित हैं. इनमें जो पोस्ट वाले अधिकारी हैं उनमें उपयंत्री, सहायक यंत्री, लिपिक वर्ग एक से लेकर नीचे की | पोस्ट वाले शामिल हैं. जो काम के बोझ के मारे बताये जाते हैं. कुछ कार्यापालन स्तर के अधिकारी भी हैं. वहीं दूसरी तरफ हर माह रिटायर होने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, नये आ नही रहे हैं.