नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय (एचसी) ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वह ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) जैसी दुर्लभ बीमारियों के इलाज में मदद करने वाली दवाओं के क्लिनिकल परीक्षण के लिए तुरंत धन जारी कर सकती है।
याचिका में डीएमडी और हंटर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता ने न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह को सूचित किया कि जनवरी 2021 में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल और हनुगेन थेरेप्यूटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच दुर्लभ बीमारियों के इलाज के स्वदेशी विकास के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौता ज्ञापन के अनुसार, हनुगेन द्वारा डीएमडी रोगियों के संबंध में चिकित्सीय मूल्यांकन के लिए एक बहु-केंद्रित अध्ययन किया जाएगा। हालांकि, एचसी ने कहा कि समझौते के अनुसार अध्ययन का 50 प्रतिशत केंद्र द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा जबकि शेष कंपनी से आएगा।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय (एचसी) ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वह ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) जैसी दुर्लभ बीमारियों के इलाज में मदद करने वाली दवाओं के क्लिनिकल परीक्षण के लिए तुरंत धन जारी कर सकती है।
याचिका में डीएमडी और हंटर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता ने न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह को सूचित किया कि जनवरी 2021 में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल और हनुगेन थेरेप्यूटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच दुर्लभ बीमारियों के इलाज के स्वदेशी विकास के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौता ज्ञापन के अनुसार, हनुगेन द्वारा डीएमडी रोगियों के संबंध में चिकित्सीय मूल्यांकन के लिए एक बहु-केंद्रित अध्ययन किया जाएगा। हालांकि, एचसी ने कहा कि समझौते के अनुसार अध्ययन का 50 प्रतिशत केंद्र द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा जबकि शेष कंपनी से आएगा।
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