जबलपुर, देशबन्धु. जबलपुर में अब अवैध रूप से मंदिरा का काम करने वालों की खैर नहीं है. इसके लिये आबकारी विभाग ने अपने मैदानी अमले को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं. अवैध शराब परोसने वालों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. जो लोग इस तरह के अवैधानिक कार्य करते पाये जाते हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने कहा गया है. इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी या कर्मियों को जवाबदेह बनाया जायेगा और उनके खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जा सकता है.
ठेकेदारों ने अपनी व्यथा सुनाई
दूसरे चरण में अब विभाग के मैदानी अमले में और कसावट लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके लिये उन लोगों से मंत्रणा की गई जिन्हें इस साल मदिरा संचालन का ठेका मिला है. सूत्रों के अनुसार इसमें ज्यादातर ठेकेदारों ने एक सुर में कहा कि सबसे पहले अवैध रूप से मंदिरा का कारोबार करने वालों पर प्रभावी रूप से लगाम कसी जाये. नगर और ग्रामीण अंचल में अवैध शराब में लगे माफिया की कमर तोड़ने की गुहार ठेकेदारों ने लगाई. कुछ ठेकेदारों ने यह भी बताया कि कई जगह तो पुलिस के साये में अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है. इस पर खास | ध्यान दिया जाना चाहिये.
गौरतलब है कि जबलपुर में आबकारी विभाग के नये मुखिया संजीव कुमार दुबे ने पिछले दिनों ही कमान संभाली थी. पहले चरण में श्री दुबे की अगुवाई में सभी मंदिरा दुकानों को मौजूदा वित्तीय साल के लिये निविदा प्रक्रिया से आवंटित करने का काम किया गया. इसमें सुनिश्चित किया गया कि शासन को इसमें किसी भी तरह के राजस्व हानि की संभावना न होने पाये. शासन की मंशा के अनुरूप जबलपुर में आबकारी विभाग ने दुकानों को आवंटित किया.
निर्धारित दरों पर बिक्री करें
वहीं दूसरी ओर आबकारी विभाग के आला अधिकारियों ने ठेकेदारों से कहा है कि तय कीमतों पर ही मंदिरा की बिक्री करें, इससे अधिक पैसे लेने पर विभाग कार्रवाई करेगा. सूत्रों के अनुसार इस संबंध में सभी ठेकेदारों ने भरोसा दिलाया कि शासन के दिशा निर्देश के अनुरूप ही मंदिरा दुकानों से बिक्री की जायेगी, इसके लिये जरूरी उपाय किये जा रहे हैं. इसकी बिंदुवार जानकारी विभाग के अधिकारियों को दी गई. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने जोर देते हुये कहा कि एक मुश्त पेटी के रूप में शराब की बिक्री न की जाये इसकी शिकायत नहीं मिलनी चाहिये .
मुखबिर तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर
आबकारी विभाग के आला अधिकारियों ने अपनी अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मियों से दो टूक कहा है कि प्राथमिकता के रूप में अपने मुखबिर तंत्र को मजबूत किया जाये. इन्हें वहां सक्रिय किया जाये, जो संभावित अवैध शराब बिक्री के लिये क्षेत्र माने जाते हैं इनको पताशाजी के तुरंत बाद अवैध शराब बिक्री करने वालों पर शिकंजा कसा जाये. वैधानिक कार्रवाई के अंतर्गत जेल भी भेजने का काम आरोपियों को किया जायेगा. इसके लिये आबकारी एक्ट में मौजूद धाराओं के अंतर्गत एक्शन लिया जाना चाहिये, इसके लिये कानून के जानकारों से समय-समय पर सलाह भी ली जा सकती है.