नई दिल्ली/चेन्नई, 10 मार्च (आईएएनएस)। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में भारत का औद्योगिक उत्पादन या औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 5.2 प्रतिशत बढ़ा। दिसंबर 2022 में यह 4.7 फीसदी थी।
2022-23 की अप्रैल-जनवरी अवधि के लिए, आईआईपी वृद्धि 5.4 प्रतिशत थी, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान दर्ज 13.7 प्रतिशत से कम थी।
जनवरी 2023 में विनिर्माण उत्पादन में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो दिसंबर 2022 में 3.1 प्रतिशत थी; दिसंबर 2022 में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में जनवरी 2023 में बिजली उत्पादन भी 12.7 प्रतिशत अधिक था। खनन उत्पादन वृद्धि हालांकि जनवरी 2023 में 8.8 प्रतिशत थी, जो दिसंबर 2022 में दर्ज 10 प्रतिशत की वृद्धि से कम है।
जनवरी में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने आईएएनएस को बताया, सकारात्मक गति प्रभाव ने लगातार तीसरे महीने औद्योगिक गतिविधि को समर्थन देना जारी रखा। कपड़ा, चमड़ा और परिधान जैसी निर्यात-गहन वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट जारी रही। उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में लगातार तीसरे महीने विस्तार सकारात्मक विकास है।
सिन्हा ने कहा कि लचीली शहरी मांग, कमोडिटी की कीमतों में कमी और ग्रामीण मांग में सुधार औद्योगिक उत्पादन के लिए अनुकूल हवा हैं। उन्होंने कहा, आगे बढ़ते हुए, उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती ब्याज दरें, कमजोर बाहरी मांग और घरेलू दबी हुई मांग में गिरावट जैसे कारक औद्योगिक गतिविधि में गति के लिए नकारात्मक जोखिम पैदा करते हैं।
–आईएएनएस
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