जबलपुर. लोकसेवक व अधिवक्ता के साथ षडयंत्र कर जीवित व्यक्ति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर जमीन अपने नाम करवाने का सनसन्नीखेज मामला प्रकाष में आया है. ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद तहसीलदार,पटवारी,अधिवक्ता तथा आरोपी व्यक्ति के खिलाफ धोखाधडी व जालसाजी का प्रकरण दर्ज कर लिया है.
ईओडब्ल्यू से प्राप्त जानकारी के अनुसार जानकारी के मुताबिक भूपेन्द्र सिंह ग्रेवाल पिता स्व अमर सिंह ग्रेवाल उम्र 60 वर्ष निवासी 1268 प्रेमनगर ने षिकायत दर्ज करवाई थी कि राजस्व अधिकारी के साथ सांठगांठ कर उसके पिता का फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र तैयार कर हरचंद सिंह पिता स्व अमरसिंह कैथ निवासी मदन महल ने जमीन का नामांतरण अपने नाम पर करवा लिया.
ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि अमर सिंह की मृत्यु 1 मई 1969 को होने का प्रमाण-पत्र मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी संभाग क्रमांक-02 पत्र जारी नहीं किया गया है. मृत्यू प्रमाण पत्र अमर सिंह पिता करतार सिंह कूटरचित तरीके से बनाया गया था. आरोपी हरचंद पिता अमर सिंह द्वारा बसरा नं-17 में बने अपने मकान के नामांतरण के लिए अधिवक्ता रजनी दीवान के माध्यम से तहसील कार्यालय गोरखपुर में आवेदन प्रस्तुत किया था.
पटवारी षिखा तिवारी ने स्थल का पंचनामा व नक्शा तैयार किया गया. तहसीलदार भरत सोनी द्वारा भिन्न खसरें का आवेदन एवं भिन्न बसरे का मौका नक्शा होने पर भी पद का दुरुपयोग कर हरचंद को लाभ पहुंचाने के लिये 7 जून 2024 को ंनामांतरण आदेश जारी किये थे. ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद तहसीलदार गोरखपुर भरत सोनी, पटवारी शिखा तिवारी, अधिवक्ता रजनी दिवान तथा हरचंद सिंह पिता स्व अमरसिंह फैथ के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है.