जबलपुर, देशबन्धु. अगर आपको जबलपुर प्लेटफार्म नम्बर 1 पर किसी परिजन को छोड़ने या लेने जाना है तो मानकर चलिए आपका लूटना पक्का है, चाहे आप कोई भी हो मंडल में बैठे वाणिज्य अधिकारियों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि यात्रियों के साथ स्टेशन पार्किंग पर क्या हो रहा है.
पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय ने जबलपुर मंडल की वाणिज्य गतिविधियों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए दो जूनियर प्रशासनिक ग्रेड, एक सीनियर स्केल और दो जूनियर स्केल अधिकारियों की पदस्थापन की हैं, लेकिन इनमें से किसी भी अधिकारी ने यात्रियों की समस्या के समाधान पर ध्यान नहीं दिया.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि पार्किंग ठेकेदार रेलवे अधिकारियों से सांठगांठ कर यात्रियों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है इस धोखाधड़ी में जबलपुर स्टेशन के वाणिज्यिक कर्मचारी भी शामिल हैं. जबलपुर स्टेशन पर एक स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य, एक वाणिज्य निरीक्षक और 24 घंटे डिप्टी स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य यात्रियों की समस्या के समाधान के लिए पोस्ट किया गया है, लेकिन वे केवल प्रोटोकॉल ड्यूटी निभा रहे हैं.
अब हाईटेक हो सकती हैं पुलिस की जांच
नाम उजागर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ वाणिज्य कर्मचारी ने बताया कि स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य केवल रेलवे अधिकारियों के घरेलू कार्य कर रहे हैं, इसमें मिलिटरी कैंटीन से सामान की व्यवस्था करना भी शामिल है. यदि कोई यात्री उनके पास शिकायत लेकर आता है तो वे हमेशा बिना जांच किए पार्किंग ठेकेदार के पक्ष में खड़े हो जाते हैं और यात्रियों को दोषी साबित करने की कोशिश करते हैं.
दोनों रेस्ट हाउस के आगे से लगाए बैरिकेड्स
जबलपुर स्टेशन प्लेटफार्म क्रमांक एक के पार्किंग ठेकेदार ने नीलांबरी व श्वेतांबरी विश्राम गृह के प्रवेश द्वार से पहले ही बारिकेड्स लगा दी है, जिससे रेस्ट हाउस में रेलवे अधिकारियों से मिलने जाने वाले लोग से भी अवैध वसूली की जा सके.
ड्रॉप एंड गो में भी हो रही अवैध वसूली
चूंकि पार्किंग ठेकेदार ने श्वेताम्बर और नीलाम्बरी विश्राम गृह के सामने बैरिकेड्स लगा दिए हैं, इसलिए यात्रियों के लिए ड्रॉप एंड गो क्षेत्र बढ़ गया है. यात्री के स्टेशन पार्किंग क्षेत्र मे बैरिकेड्स से अंदर प्रवेश होते ही उसका ड्रॉप एंड गो का समय शुरू हो जाता है और जब वह निकास द्वार पर पहुंचता है तो उसका समय समाप्त हो जाता है. चूंकि ड्रॉप एंड गो क्षेत्र का प्रवेश और निकास स्टेशन पार्किंग क्षेत्र से काफी पहले कर दिया है, इसलिए ड्रॉप एंड गो क्षेत्र के लिए समय कम हो गया है.
इसके साथ ही पार्किंग ठेकेदार ने चालाकी से निकास द्वार बहुत छोटा कर दिया है जिससे जब यात्री ड्रॉप एंड गो से निकास द्वार पर पहुंचते है तब तक वाहनों की लम्बी लाइन लग जाती है और वाहन निकालते वक्त उसका ड्रॉप एंड गो का निर्धारित समय बीत जाता है और पार्किंग ठेकेदार उनसे दोगुना शुल्क वसूलता है. इसका मुख्य कारण जबलपुर स्टेशन पर वाणिज्य कर्मचारियों का अधिक समय तक रुकना है, क्योंकि नीतिगत दिशा-निर्देशों के अनुसार वाणिज्य कर्मचारी को हर चार साल में अपनी सीट से तथा हर दस साल में स्टेशन से स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए.
लेकिन रेलवे अधिकारी इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसके पीछे मुख्य कारण रेलवे कर्मचारियों द्वारा रेलवे अधिकारियों की चापलूसी करना है. जबलपुर मंडल में पदस्थ अधिकारी यात्री संतुष्टि की कीमत पर अपनी पोस्टिंग का आनंद ले रहे है और ऐसे चापलूस कर्मचारियों को लाभ पहुंचा रहे हैं.
प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कुशल सिंह एक अच्छे प्रशासनिक एवं बुद्धिमान अधिकारी हैं, उन्हें यात्रियों की समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाना चाहिए और उन्हें जबलपुर स्टेशन में वर्षो से पदस्थ कर्मचारियों को स्थानांतरित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, जिससे ठेकेदार और रेलवे अधिकारी के बीच सांठगांठ को खत्म किया जा सके.
रेल कर्मचारी और अधिकारियों को भी नहीं छोड़ रहे ठेकेदार के लोग
मैकेनिकल शाखा के अधिकारी ने इस शर्त पर निष्पक्षता से बयान दिया कि उनका नाम प्रकाशित नहीं किया जाएगा. वाणिज्य विभाग द्वारा दिए गए संरक्षण के कारण ठेकेदार के कर्मचारी नियमित रूप से रेलवे अधिकारी और रेलवे कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं. यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी वाणिज्यिक शाखा के अलावा अन्य शाखा से संबंधित है तो यह व्यक्ति उनसे अवैध धन वसूलने के लिए दुर्व्यवहार करते हैं.
यहां इस बात का वेख करना आवश्यक है कि महाप्रबंधक एवं मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में अच्छे से अच्छे विशेषज्ञ अधिकारियों को पदस्थापना की गई है. शोभना बंदोपाध्याय एवं कमल तलरेजा अपनी कार्य प्रणाली के कारण ही अपनी अलग पहचान बनाते हुए सक्रियता दिखाते सक्रियता दिखाते हुए अपने सभी परियोजनाओं को समय के पूर्व ही पूरा करने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं. कुछ असंतोषी अधिकारी इन अधिकारियों की सफलता से विचलित होकर ही बाधाएं उत्पन्न करते हैं कुछ तो इतने निचलें स्तर पर गिर जाते हैं कि वह अनावश्यक गल्तियों को फालतू में तूल देकर इन अधिकारियों की टांग खींचते हैं परंतु सफल नहीं हो पाते हैं.
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक के साथ हो रहा छलावा
गौरतलब है कि रिठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक डॉ. मधुर वर्मा जैसा कि नाम है वैसा ही वह कार्य संपादित करने की प्रति समर्पित रहते हैं. परंतु इनके सीसीआई रवि शर्मा की कार्य प्रणाली कुछ इस तरह की है कि वह बगैर जानकारी प्राप्त किये ही कर्मचारियों की तबादला सूची बना लेते हैं. ऐसा लगता है. जैसे कि उनको कैंसर की बीमारी और लकवाग्रस्त कर्मचारी को भी लाचारी आंखों में दिखायी नहीं देती हैं या तो इनकी आंखों में कोई समस्या है या यह जानबूझकर गल्ती करके वाणिज्य अधिकारियों को नीचा दिखाने के लिए ही वगैर सत्यापन किये ही ट्रांसफर सूची को प्रभावित करने में अग्रणी रहते हैं.
मंडल रेल प्रबंधक कमल तलरेजा एक अनुभवी और कुशल प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए हैं. इनमें त्वरित निर्णय लेने की अच्छी क्षमता है वह अच्छे निर्णय लेकर सभी को लाभान्वित करेंगे. इसकी सभी को उम्मीद है.