जयपुर, 12 मार्च (आईएएनएस)। राजस्थान में पुलवामा के शहीदों की विधवाओं की मांग का विरोध करते हुए कि उनके देवरों को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए, राज्य में शहीदों की विधवाओं के एक समूह ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और कहा कि शहीदों की पत्नी और बच्चों के अलावा किसी और को नौकरी देना उचित नहीं है।
ट्विटर पर बैठक की तस्वीरें पोस्ट करते हुए गहलोत ने कहा, शहीदों की विधवाओं को नमन, बलिदानियों को सलाम।
शहीदों की विधवाओं ने मुख्यमंत्री के आवास पर अपने विचार व्यक्त किए और राज्य सरकार की नीतियों का समर्थन किया।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा शहीदों और उनके परिवारों के साथ खड़ी रहेगी।
पुलवामा के शहीदों की पत्नियां मंजू जाट, सुंदरी देवी, मधुबाला मीणा पिछले एक हफ्ते से कांग्रेस नेता सचिन पायलट के आवास के बाहर धरना दे रही थीं। हालांकि पुलिस ने गुरुवार तड़के तीन बजे उन्हें जबरदस्ती धरना स्थल से हटा दिया और एंबुलेंस से उनके गांव पहुंचा दिया।
मंजू जाट और सुंदरी देवी ने अपने-अपने देवरों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की, लेकिन सरकार का तर्क है कि ऐसे रिश्तेदार को सरकारी नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं है।
–आईएएनएस
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