कोलकाता, 12 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस महंगाई भत्ते के भुगतान की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन और उपवास आंदोलन का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए राज्य सरकार और आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारियों के बीच मध्यस्थता पर सहमत हो गए हैं।
राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार सुबह गवर्नर हाउस में बोस से मुलाकात की।
बैठक से बाहर निकलते हुए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दावा किया कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अगर राज्य सरकार सहमत होती है, तो वह इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार हैं।
शनिवार की देर शाम को बोस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राज्य सरकार के कर्मचारियों से आंदोलन वापस लेने की अपील की।
उनके आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से कहा गया, राज्यपाल को इस बात का गहरा दुख है कि पीड़ित कर्मचारियों की भूख हड़ताल अपने चौथे सप्ताह में प्रवेश कर रही है। इसमें शामिल मुद्दे जटिल हो सकते हैं, लेकिन हमेशा एक सरल रास्ता होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे भाइयों का अनमोल जीवन संकट में हैं। राज्यपाल ने उन सभी लोगों से आग्रह किया जो उपवास पर हैं, कृपया इसे समाप्त करें और सभी हितधारकों से अनुरोध करें कि वे एक साथ बैठें और गड़बड़ी से बाहर निकलने का रास्ता खोजें।
संदेश मिलने के बाद रविवार को आंदोलनरत कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला।
कर्मचारी नेताओं ने कहा, हम राज्य सरकार और राज्यपाल को शामिल करते हुए एक त्रिपक्षीय बैठक की मांग कर रहे हैं। राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इसकी व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे। प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने राज्यपाल से मिलने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, राज्यपाल ने हमें अपने संवैधानिक प्रावधान के भीतर से आवश्यक पहल करने का आश्वासन दिया है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ने कहा, हम देखेंगे कि इस मोर्चे पर राज्यपाल के प्रयास कितने फलदायी होते हैं। उसके आधार पर हम अपने भविष्य के आंदोलन के बारे में फैसला करेंगे।
वर्तमान में केंद्र सरकार में अपने समकक्षों के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों का अंतर 32 प्रतिशत है और यह अंतर फरवरी में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य द्वारा राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त तीन प्रतिशत डीए की घोषणा के बाद भी है।
चार सप्ताह से अधिक समय तक लगातार उपवास आंदोलन के अलावा, मंच ने पहले ही शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल और फरवरी में उससे पहले दो दिवसीय पेन-डाउन हड़ताल की थी।
–आईएएनएस
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