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जबलपुर. हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा षुक्ला की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेष सरकार के मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी पर की गयी विवादित टिप्पणी को गंभीरता से लिया है। युगलपीठ ने अपने आदेष में मंत्री के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाये।
युगलपीठ ने अपने आदेष में कहा है कि एफआईआर शाम तक अवश्य दर्ज की जाये। आदेष का पालन नहीं होने पर पुलिस महानिदेशक के विरुद्ध अवमानना कार्यवाही कर विचार किया जा सकता है।
प्रदेष सरकार के मंत्री विजय शाह ने सोमवार को महू के अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित सार्वजनिक समारोह में ने भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।
प्रदेष सरकार के मंत्री विजय शाह ने सोमवार को महू के अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित सार्वजनिक समारोह में ने भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।
इस संबंध में समाचार पत्रों तथा डिजिटल मीडिया में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेकर युगलपीठ मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में कर रहा था।
युगलपीठ ने अपने आदेष में कहा है कि सशस्त्र सेना देश में मौजूद आखिरी संस्था है, जो ईमानदारी, उद्योग, अनुशासन, त्याग, निःस्वार्थता, चरित्र, सम्मान और अदम्य साहस को दर्शाती है।
देश का कोई भी नागरिक खुद उन्हें पहचान सकता है। मंत्री विजय शाह ने आमसभा में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल किया है। कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ, मीडिया और राष्ट्र को पाकिस्तान के खिलाफ हमारे सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन “सिंदूर” की प्रगति के बारे में जानकारी देने वाले सशस्त्र बलों का चेहरा थीं।
युगलपीठ ने अपने आदेष में कहा है कि मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, जो किसी और के लिए नहीं बल्कि उनके लिए ही हो सकती है। उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकवादियों की बहन बताया है। अखबारों की रिपोर्ट और इंटरनेट पर उपलब्ध डिजिटल सामग्री में मंत्री के भाषण है।
जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आतंकवादियों की बहन को उन्हें सुलझाने के लिए भेजने की बात कही है। उनकी यह टिप्पणी संबंधित अधिकारी के लिए बल्कि सशस्त्र बलों के लिए भी अपमानजनक और खतरनाक है।
मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए बयान प्रथम दृष्टया मुस्लिम धर्म के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों के बीच वैमनस्य और दुश्मनी या घृणा या दुर्भावना पैदा करने की प्रवृत्ति है ।
युगलपीठ ने बी.एन.एस. के विभिन्न प्रावधानों के अवलोकन कर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश किया जाता है कि मंत्री विजय शाह के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के अंतर्गत तत्काल एफआईआर दर्ज करें।
युगलपीठ ने बी.एन.एस. के विभिन्न प्रावधानों के अवलोकन कर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश किया जाता है कि मंत्री विजय शाह के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के अंतर्गत तत्काल एफआईआर दर्ज करें।
यह कार्य आज शाम तक आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए। आदेष का पालन नहीं होने पर गुरुवार को मामला सूचीबद्ध होने पर उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही करने पर विचार किया जा सकता है।
युगलपीठ ने अपने आदेष में कहा है कि महाधिवक्ता कार्यालय यह आदेश तत्काल राज्य के पुलिस महानिदेशक कार्यालय को प्रेषित करते हुए उसका परिपालन सुनिष्चित रूप से करवाये।
युगलपीठ ने रजिस्ट्रार आईसी से अनुरोध है कि उपलब्ध लिंक के अलावा विजय शाह द्वारा दिए गए अपमानजनक भाषण के वीडियो से संबंधित सभी लिंक एकत्रित करें।
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