रियाद. इस्लामिक परंपराओं और सख्त शरिया कानूनों के लिए प्रसिद्ध सऊदी अरब एक ऐतिहासिक बदलाव की ओर बढ़ रहा है. वर्ष 1953 से लागू शराबबंदी को अब आंशिक रूप से हटाने का निर्णय लिया गया है. विजन 2030 के तहत सऊदी सरकार ने घोषणा की है कि 2026 से विशेष लाइसेंस प्राप्त स्थानों पर शराब की सीमित बिक्री और सेवन की अनुमति दी जाएगी.
पर्यटन और वैश्विक निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश
यह फैसला क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की महत्वाकांक्षी आर्थिक सुधार योजना *विजन 2030* के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से हटाकर पर्यटन, आतिथ्य और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों को विकसित करना है. 2030 एक्सपो और 2034 फीफा वर्ल्ड कप जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी की तैयारियों के तहत यह बदलाव सऊदी अरब को एक आधुनिक वैश्विक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
केवल विदेशी पर्यटकों को मिलेगी अनुमति
शराब की बिक्री लगभग 600 स्थानों पर की जाएगी, जिनमें प्रमुख होटल, लग्ज़री रिसॉर्ट्स, राजनयिक क्षेत्र और बड़े पर्यटन प्रोजेक्ट जैसे *नियोम*, *सिंदाला द्वीप* और *रेड सी प्रोजेक्ट* शामिल हैं. यह सुविधा विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और प्रवासी नागरिकों के लिए होगी. सऊदी नागरिकों और आम सार्वजनिक स्थलों पर शराब पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
सिर्फ हल्के मादक पेय ही होंगे अनुमत
नए नियमों के तहत केवल बीयर, वाइन और साइडर जैसे हल्के मादक पेय पदार्थों की अनुमति होगी. 20% से अधिक अल्कोहल युक्त पेय जैसे व्हिस्की और वोदका पर अभी भी प्रतिबंध रहेगा. शराब की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त स्थानों पर होगी और इसे प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा ही परोसा जाएगा. घरेलू उत्पादन, बिक्री या सार्वजनिक स्थानों पर सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.
लाइसेंसिंग प्रणाली होगी सख्त
सरकार ने साफ किया है कि यह बदलाव बेहद नियंत्रित और सख्त लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत लागू होगा. कोई भी उल्लंघन या दुरुपयोग पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सऊदी अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले के जरिए वे आर्थिक विकास और इस्लामिक मूल्यों के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन की कोशिश
इस ऐतिहासिक निर्णय से जहां एक ओर पर्यटन क्षेत्र में तेजी आने की संभावना है, वहीं हजारों नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे. कई अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखलाएं पहले ही अपने संचालन मॉडल में बदलाव की तैयारी में जुट गई हैं.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सऊदी अरब अपनी पारंपरिक इस्लामिक छवि को बरकरार रखते हुए वैश्विक मंच पर एक आधुनिक और प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में खुद को पुनर्परिभाषित कर पाएगा. फिलहाल इतना स्पष्ट है कि 73 साल पुरानी शराबबंदी धीरे-धीरे खत्म हो रही है और देश की सामाजिक व आर्थिक तस्वीर में बड़ा बदलाव आने वाला है.