जबलपुर, देशबन्धु. खनिज विभाग ने माफिया से निपटने के लिये तीसरी आंख का उपयोग शुरू कर दिया है। तिलवारा में ई चेक नाका काम शुरू कर दिया है। अब भोपाल के साथ जबलपुर में कंट्रोल रूम बनाया जायेगा, जिसकी तैयारी कर ली गई है।
जिले में सिहोरा और भेड़ाघाट में ई-चेक नाका बनने वाले हैं। जिसके लिये विभाग ने कवायद तेज कर दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जबलपुर को उस श्रेणी में रखा गया है जहां पर खनिज माफिया से निपटना गंभीर चुनौती बन गया है।
इसी को देखते हुये पिछले दिनों यहां पर ऐसे मार्गो पर ई- चेक नाका बनाने का निर्णय हुआ था जहां पर प्रतिदिन रात और दिन में सैकड़ों की संख्या में अवैध परिवहन करने वाले वाहन निकलते हैं।जिनको पकड़ने में मैदानी अमले को पसीना आ रहा था।
ऐसे पकड़ेंगे अवैध परिवहन वाले
मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही ई- चेक नाका के सामने डंपर इत्यादि गुजरेंगे, स्केन करते हुये पता चल जायेगा, वाहन में कौन सा और कितनी तादाद में रेत या गिट्टी रखा गया है।जिसके बाद कार्रवाई करने में विभाग को आसानी होगी।
कलेक्ट्रेट में बनेगा मॉनिटरिंग कक्ष
बताया गया है कि कलेक्ट्रेट स्थित खनिज विभाग के भवन में ई चेक नाका का कंट्रोल रूम बनाया जायेगा। इसके लिये जरूरी उपकरण शीघ्र आने वाले हैं।
इसे किस तरह संचालित करन है इसको समझाने विशेषज्ञों की टीम भी पहुंचेगी जो स्थानीय अमले को कंट्रोल रूम में किस तरह काम करना है, समझायेगी।
विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कुछ नई तरह की तकनीकी व्यवस्था से जबलपुर और आसपास सक्रिय रेत माफिया पर अब कड़ी कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। अब तक रेत माफिया लाखों रुपये की राजस्व की हानि कर रहे थे।
बिना नम्बर वाले डम्परों को भी पकड़ा जायेगा ई चैक नाके से परिवाहन विभाग को भी जोड़ा जा रहा है, जिससे पता चल जायेगी कि संबंधित वाहन का मालिक कौन है? यह तकनीक आने वाले दिनों में मील का पत्थर साबित हो सकती है।