नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। उच्च शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन प्रक्रिया को अब और अधिक पारदर्शी व सुदृढ़ बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए एक विशेष समिति गठित करने का निर्णय लिया है। यह समिति उच्च शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन और मान्यता प्रक्रिया को बेहतर बनाएगी। समिति के अध्यक्ष आईआईटी कानपुर के शासी निकाय एवं आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष डा. के राधाकृष्णन है। यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा. सुभाष सरकार ने दी।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा. सुभाष ने अपने उत्तर में बताया कि गठित की गई समिति उच्च शिक्षण संस्थानों की मूल्यांकन प्रक्रिया को और अधिक मजबूत करने के लिए डॉ राधाकृष्णन की अध्यक्षता में काम करेगी। यह समिति नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल यानी कि नैक द्वारा मान्यता प्रक्रियाओं को मजबूत करने और राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (एनआईआरएफ) द्वारा रैंकिंग प्रणाली तथा अधिक संस्थानों को मान्यता के दायरे में लाने के लिए सुझाव देगी।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह ही नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) द्वारा कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग के मामले में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोपों में कहा गया है कुछ विश्वविद्यालयों ने ग्रेडिंग के लिए गलत तरीके अपनाए हैं। ऐसे गंभीर आरोप के उपरांत नैक के अध्यक्ष भूषण पटवर्धन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बीते दिनों इस्तीफा देने के बाद भूषण पटवर्धन का कहना था कि वह इस्तीफा इसलिए दे रहे हैं ताकि इस पद की पवित्रता की रक्षा हो सके।
इससे पहले भूषण पटवर्धन ने पिछले महीने यूजीसी अध्यक्ष को एक पत्र लिखा था। अपने एक पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि व्यक्तिगत स्वार्थ और भ्रष्टाचार के कारण कुछ उच्च शिक्षण संस्थानों में संदिग्ध ग्रेड हासिल की गई है। पिछले महीने लिखे गए इस पत्र के दौरान भी भूषण पटवर्धन ने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की थी।
इस बीच अब कुछ उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अनुचित ढंग से ग्रेडिंग प्राप्त करने संबंधी आरोपों व भ्रष्टाचार के प्रश्नों की की मांग की गई है। शिक्षक संगठनों के साथ-साथ विभिन्न छात्र संगठन भी इस मामले में जांच करके विषय की सत्यता को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में विभिन्न राज्यों में नैक ग्रेडिंग के आधार पर आर्थिक संसाधनों के निर्धारण आदि पर चर्चा चल रही है,तब ग्रेडिंग की पारदर्शिता पर उठे प्रश्न गंभीर हैं। शिक्षाविदों का कहना है कि नैक की स्वायत्तता सहित पारदर्शिता, शुचिता अनेक बिंदुओं पर आदर्श स्थिति बनानी होगी।
शिक्षाविदों ने सरकार से मांग की है कि नैक के निर्वतमान अध्यक्ष भूषण पटवर्धन द्वारा प्रकट किए गए भ्रष्टाचार तथा कुछ संस्थानों की ग्रेडिंग प्रणाली में अनियमितता आदि आरोपों की शीघ्र जांच कर यूजीसी स्थिति स्पष्ट करे।
गौरतलब है कि नैक के अध्यक्ष भूषण पटवर्धन ने यूजीसी अध्यक्ष को पिछले रविवार की रात अपना त्याग पत्र भेजा था। इस त्यागपत्र में पूरी बात लिखते हुए भूषण पटवर्धन ने बताया था कि वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम