पटना, 14 मार्च (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा बजट सत्र के दौरान मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष ने जहां भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा वहीं जमकर हंगामा किया। इस बीच, प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के विधायक लखींद्र पासवान पर माइक तोड़ने का आरोप लगा। इधर, अध्यक्ष ने कहा कि कारवाई की जाएगी।
विधानसभा की मंगलवार की कार्यवाही प्रारंभ होते ही प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने भ्रष्टाचार के मामले पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचारियों की गोद में बैठी है। इसके बाद विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के समझाने के बाद सभी विपक्षी सदस्य वापस अपने सीट पर गए, उसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ।
इस बीच, भाजपा विधायक लखेंद्र पासवान ने आंगनबाड़ी सहायिका और सेविकाओं का मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर एक पूरक प्रश्न किया। इसके जवाब में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने जवाब दिया, लेकिन विपक्ष के विधायक उस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। इस बीच, पासवान कुछ बोलने के लिए खड़े हुए तो उनका माइक बंद कर दिया गया। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ।
सत्ता पक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि भाजपा के विधायक ने माइक तोड़ी है। इधर भाजपा विधायक ने इससे इनकार किया। इधर, अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि कारवाई की जाएगी।
भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक ले किए स्थगित कर दी गई।
कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा ने सत्ता पक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए। सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने पत्रकारों से कहा कि माइक तोड़ने की बात गलत है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने हमारे दलित विधायक को गाली दी, धमकी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सदन चलाना है।
इधर, लखेंद्र पासवान ने अपनी सफाई में कहा कि वह आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान उनका माइक बंद कर दिया गया। सत्ता पक्ष की ओर से मेरे लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया, गालियां दी गई। उन्होंने कहा कि मैंने माइक तोड़ा नहीं, माइक खुल गया।
–आईएएनएस
एमएनपी/एसकेपी