deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

न्यायिक सक्रियता को न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलना चाहिए : सीजेआई गवई

देशबन्धु by देशबन्धु
June 11, 2025
in राष्ट्रीय
0
न्यायिक सक्रियता को न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलना चाहिए : सीजेआई गवई
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बी. आर. गवई ने बुधवार को कहा कि भारत में न्यायिक सक्रियता का महत्व अवश्य है, लेकिन न्यायपालिका को उन सीमाओं का भी ध्यान रखना चाहिए, जहां उसका हस्तक्षेप अनुचित हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “न्यायिक सक्रियता को न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलना चाहिए।”

READ ALSO

केंद्रीय गृह मंत्री ने विजय रूपाणी के साथ तस्वीरें शेयर की, संगठन के कार्यों में योगदान को किया याद

महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर में हेलीकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू पर किए हस्ताक्षर

सीजेआई गवई ऑक्सफोर्ड यूनियन में एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा, “कभी-कभी न्यायपालिका अपनी सीमाएं पार करने की कोशिश करती है और उन क्षेत्रों में प्रवेश कर जाती है, जहां सामान्यतः उसे नहीं जाना चाहिए।”

ADVERTISEMENT

हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि विधायिका या कार्यपालिका नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा में विफल रहती है, तो न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना पड़ेगा। लेकिन, न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति का प्रयोग बहुत ही सीमित और अपवाद स्वरूप मामलों में किया जाना चाहिए।

सीजेआई गवई ने कहा, “जब कोई कानून संविधान की मूल संरचना के विरुद्ध हो या मौलिक अधिकारों से सीधे टकराता हो या फिर यदि कोई कानून स्पष्ट रूप से मनमाना और भेदभावपूर्ण हो, तो न्यायालय इसमें हस्तक्षेप कर सकते हैं और उन्होंने ऐसा किया भी है।”

अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के संविधान ने यह संभव बनाया है कि अनुसूचित जाति से आने वाला एक व्यक्ति, जिसे ऐतिहासिक रूप से ‘अस्पृश्य’ कहा जाता था, आज देश की सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठकर ऑक्सफोर्ड यूनियन को संबोधित कर रहा है।

ADVERTISEMENT

सीजेआई ने भारतीय संविधान को “स्याही में उकेरी गई एक शांत क्रांति” करार दिया और कहा कि इसमें समाज के उन वर्गों की धड़कनें हैं, जिन्हें कभी सुना नहीं गया।

ADVERTISEMENT

उन्होंने कहा, “संविधान केवल अधिकारों की रक्षा करने को नहीं कहता, बल्कि सक्रिय रूप से आगे बढ़ने, सशक्त करने और सुधारने के लिए भी बाध्य करता है।”

–आईएएनएस

डीएससी/एबीएम

देशबन्धु

Related Posts

राष्ट्रीय

केंद्रीय गृह मंत्री ने विजय रूपाणी के साथ तस्वीरें शेयर की, संगठन के कार्यों में योगदान को किया याद

June 14, 2025
राष्ट्रीय

महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर में हेलीकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू पर किए हस्ताक्षर

June 14, 2025
राष्ट्रीय

महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर में हेलीकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू पर किए हस्ताक्षर

June 14, 2025
दिल्ली में नई आबकारी नीति जल्द : रेखा गुप्ता
राष्ट्रीय

दिल्ली में नई आबकारी नीति जल्द : रेखा गुप्ता

June 14, 2025
आज का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय

आज का इतिहास

June 13, 2025
अहमदाबाद विमान हादसे में आगरा के नीरज लवानिया और पत्नी की मौत, भाई को फोन कर कहा था '12 घंटे बाद करेंगे बात'
Uncategorized

अहमदाबाद विमान हादसे में आगरा के नीरज लवानिया और पत्नी की मौत, भाई को फोन कर कहा था ’12 घंटे बाद करेंगे बात’

June 13, 2025
Next Post
मांझी ने पीएम मोदी के कार्यकाल को स्वर्णकाल बताया, एनडीए में सीट विवाद पर सफाई दी

मांझी ने पीएम मोदी के कार्यकाल को स्वर्णकाल बताया, एनडीए में सीट विवाद पर सफाई दी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

[email protected]

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084282
Total views : 5891939
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In