जबलपुर. राज्य शासन द्वारा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) के 70 पदोन्नति के पदों को 27 वर्ष बाद निरस्त करने का निर्णय कर्मचारी विरोधी हैं, जिससे कर्मियों के पदोन्नति के अवसर तो प्रभावित होंगें ही साथ ही विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 7वें वेतनमान अनुसार पेंशन का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है, वहीं विगत 6 माह से सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों का सत्यापन ऑडिट द्वारा नहीं किया जा रहा हैं।
जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। यह बात बुधवार को रादुविवि में लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन कर रहे शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के प्रदर्शनकारियों ने कही। रादुविवि के कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी मुख्य प्रशासनिक भवन के सामने एकत्रित होकर जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पटैल और महासचिव राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने बताया कि 2 घंटे का यह विरोध प्रदर्शन इस सप्ताह जारी रहेगा और यदि आवासों की मरम्मत, अनुकम्पा नियुक्ति, समयमान वेतनमान का लाभ, अंतरराशि का भुगतान सहित सभी 20 सूत्रीय मांगे नहीं मानी गई, तो सोमवार से सभी कर्मचारी पूर्णत: कार्य का बहिष्कार करेंगें।
प्रदर्शन स्थल पर आयोजित सभा को कर्मचारी संघ के प्रेम प्रकाश पुरोहित और श्याम बिड़ला ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर संघ के बीरेन्द्र कुमार तिवारी, अंकित श्रीवास, रोहित आर्या, बैसाखू, हरेकृष्ण पाण्डेय, संजय तिवारी, ओमप्रकाश शुक्ल, सनी यादव, प्रवीण जायसवाल, जयशंकर पाण्डेय, राजेन्द्र कनौजिया के साथ भारी संख्या में विश्वविद्यालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।