सतना, देशबन्धु। शासकीय स्कूलों में मची भर्रेशाही किसी से छिपी नहीं है। कहीं छात्र हैं तो शिक्षक नहीं, कहीं शिक्षक हैं तो छात्रों का पता नहीं। एक ऐसा ही मामला नागौद विकासखंड के संकुल केन्द्र सिंहपुर का प्रकाश में आया है। इस संकुल केन्द्र के अंतर्गत आने वाले माध्यमिक शाला दुर्गापुर में प्राथमिक शिक्षक के रूप में पदस्थ भास्कर प्रसाद कोल विगत सत्र से विद्यालय नहीं आ रहे हैं। इसके बाद भी वेतन उनके खाते में बराबर जा रही है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि नया सत्र शुरू हो गया है इसके बाद भी अभी तक इस विद्यालय में किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। अतिथियों की भर्ती नहीं होने से यहां पर दर्ज तकरीबन 65 छात्रों का भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है।
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रसोइया के पास विद्यालय की चाभी
शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार कैसे होगा जब किसी विद्यालय का उद्देश्य सिर्फ भोजन वितरण रह जाएगा। कुछ ऐसी ही कहानी माध्यमिक विद्यालय दुर्गापुर की। रसोइया को किसी ने ताला, चाभी पकड़ा दी है उसे खुद ही नहीं पता यहां कौन शिक्षक है कौन हेडमास्टर, अतिथियों की भर्ति इस नये सत्र में नहीं होने के चलते मामला और गंभीर बना हुआ है।
प्राथमिक शिक्षक के रूप में पदस्थ
माध्यमिक विद्यालय दुर्गापुर में भास्कर कोल की नियुक्ति है। भास्कर कोल का नाम विगत सत्र में एक आपराधिक घटना क्रम से जुड़ा था जिसके बाद से वह विद्यालय ही नहीं आते। पुलिस जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली तब भी उन्होंने स्कूल से दूरी बनाकर रखी है। इन स्थितियों में कई बार ब्लाक स्तरीय अधिकारी विद्यालय का भ्रमण कर संकुल प्राचार्य से व्यवस्था के लिए पत्राचार कर चुके हैं फिर भी यहां किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी।
संकुल प्राचार्य को नहीं है जानकारी
संकुल केन्द्र के अन्तर्गत आने वाले विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर रखने जितनी जिम्मेदारी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की है उतना ही जिम्मा संकुल केन्द्र के प्रभारी का भी होता है। सिंहपुर संकुल के प्राचार्य वर्तमान समय में जितेन्द्र कुमार परौहा हैं जिनकी जानकारी में यह पूरा मामला लगभग नवम्बर 2024 से है। उन दिनों अतिथि शिक्षक कार्यरत था लिहाजा किसी तरह से काम चला। ग्रीष्म अवकाश के बाद अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने संबंधी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए ऐसे में यहां व्यवस्था के तौर पर किसी नियमित शिक्षक को नियुक्त किया जाना चाहिए था। जो कि संकुल प्राचार्य ने नहीं किया। कुल मिलाकर वे आंख बंद कर बैठे हुए हैं और बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।
शिक्षक का फोन बंद
दुर्गापुर विद्यालय में पदस्थ शिक्षक भास्कर कोल कहां है यह किसी को नहीं पता। फिलहाल संकुल प्राचार्य ने उनके गृह ग्राम को पत्र लिखकर उपस्थित होने को कहा है। बताया जाता है कि 23 जून को यह पत्र डाक के माध्यम से भास्कर कोल के गांव गर्भे पो. दोदर थाना डभौरा जिला रीवा भेजा गया है। वहीं रसोइया की माने तो उनका फोन लंबे समय से बंद है जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा।
झल्लाते हैं प्राचार्य
दुर्गापुर माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक भास्कर कोल के संबंध में जब संकुल प्राचार्य को फोन लगाकर के जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होने झल्लते हुए कहा कि संकुल प्राचार्य इसके लिए नहीं कि कहां कौन शिक्षक है कहां नहीं है। यह सब जवाबदारी बीआरसी की है। जहां पर धन है। उन्हे ही इस दिशा की तरफ ध्यान देना चाहिए।
सिर्फ भोजन करने आते हैं बच्चे
नया शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। विद्यालय शिक्षक विहीन होने के चलते यहां दर्ज बच्चे सिर्फ भोजन करने आते हैं और भोजन कर के घर चले जाते हैं। बताया गया है कि इस विद्यालय में मध्यान्ह भोजन का कार्य एक दो दिन पहले शुरू हुआ है। जिसके चलते यह अव्यवस्था यहां पर अभी से नजर आ रही है।
इनका कहना है
जब से घटना हुई है तब से शिक्षक भास्कर कोल का पता नहीं है। विद्यालय की चाभी मेरे पास विगत सत्र से हैं। यहां कौन है कौन नहीं मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
शांती बाई, रसोइया
संकुल प्राचार्य का यह कार्य नहीं है। हम पठन पाठन के लिए जिम्मेदार है। यह कार्य बीआरसी की है। उन्हे ध्यान देना चाहिए।
जितेन्द्र कुमार परौहा, संकुल प्राचार्य सिंहपुर
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस बारे में बीआरसी तथा संकुल प्राचार्य से जानकारी ली गई है। शिक्षक की नियुक्ति करने के लिए कहा गया है। जहां तक बात प्राथमिक शिक्षक भास्कर कोल की है इसी के आधार पर संबंधित शिक्षक के विरुद्घ आगे की कार्रवाई करेंगे।
विष्णु त्रिपाठी, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी