जबलपुर. शहर के साथ प्रदेश भर के उपभोक्ताओं के घरों का बजट बिगड़ सकता हैं। अगले माह से विद्युत देयक (बिजली बिल) न सिर्फ विद्युत उपभोक्ताओं की जेबों पर भारी पड़ेगा बल्कि घरों का बजट भी बिगाड़ेगा।
बताया जा रहा है कि प्रदेश में अगले महीने से बिजली बिलों में वृद्धि होगी।सुरक्षा निधि और एफपीए चार्ज के कारण उपभोक्ताओं को अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ेगी।
फिलहाल मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अगले महीने से बिजली बिलों में सुरक्षा निधि की राशि बढ़ा देगी लेकिन विद्युत सूत्रों की मानें तो पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भी इस समीकरण पर यहां के उपभोक्ताओं के विद्युत देयको में भी जल्द इजाफा कर सकती हैं। जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
विगत वर्ष की तुलना में 20 फीसद बढ़त
पिछले साल की तुलना में बिजली की खपत में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब इस बढ़ी हुई खपत के लिए तीन किस्तों में शुल्क वसूला जाएगा। बताया जा रहा हैं कि सुरक्षा निधि वह राशि है, जो बिजली कंपनी प्रत्येक उपभोक्ता से जमा कराती है।
यह राशि उपभोक्ता के पिछले 12 महीनों की खपत के आधार पर निर्धारित की जाती है। कंपनी उपभोक्ताओं के पिछले साल के बिलों का विश्लेषण करके औसत मासिक खपत निकालती है। फिर उसे वर्तमान टैरिफ (बिजली दरों) से गुणा करके मासिक औसत बिल की गणना करती है।
तीन किश्तों में होगी वसूली
पिछले साल की तुलना में बिजली की खपत 20 प्रतिशत बढ़ी है। अब इस बढ़ी हुई खपत को तीन किश्तों में वसूला जाएगा। कंपनी 45 दिनों की औसत खपत के बराबर की राशि सुरक्षा निधि में जमा कराती है। इससे पहले उपभोक्ताओं की सुरक्षा निधि के रूप में 1 हजार 500 रुपए जमा थे। वहीं अब उसे बढ़ाकर 2 हजार 250 रुपए कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब उपभोक्ताओं को 750 रुपए की अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ेगी। इस राशि को तीन किश्तों में वसूला जाएगा।
जुड़ेगा एफपीए चाजर्
इसके साथ ही बिजली बिल में एफपीए (फ्यूल एंड पावर परचेस एडजस्टमेंट) चार्ज भी जोड़ा जाएगा। यह चार्ज 4.67 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं के बिलों पर पड़ेगा। इसके कारण 100 यूनिट खपत पर लगभग 50 रुपए की अतिरिक्त राशि बिल में जुड़ जाएगी।
जबिली खपत पर ध्यान दें उपभोक्ता
इस बढ़े हुए बिल से बचने के लिए उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर ध्यान देना चाहिए। अधिक बिजली का इस्तेमाल करने से बचने के लिए उपभोक्ता बिजली बचाने के उपायों को अपनाकर अपनी खपत को नियंत्रित कर सकते हैं। साथ ही, समय-समय पर बिल की जांच करते रहें। किसी भी तरह की अनियमितता को तुरंत बिजली विभाग में रिपोर्ट करें।