प्रयागराज. करछना तहसील के इसौटा गांव में हुए उपद्रव के बाद प्रयागराज पुलिस एक्शन में आ गई है. हिंसा में शामिल लोगों की धरपकड़ जारी है. अब तक पुलिस ने 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, बवाल के दौरान मौके पर लावारिस हालत में मिलीं 42 से ज्यादा मोटरसाइकिलें भी जब्त कर ली गई हैं. पुलिस का मानना है कि ये बाइकें उपद्रव में शामिल युवकों की हैं, जो पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए वाहन मौके पर छोड़कर फरार हो गए.
पुलिस अब इन बाइकों के नंबरों के आधार पर वाहन मालिकों की पहचान कर रही है और उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. प्रशासन ने साफ किया है कि हिंसा में शामिल आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या है मामला:
दरअसल, रविवार को आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद एक दलित परिवार से मिलने के लिए इसौटा गांव जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था के मद्देनजर उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया. इसके बाद समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गया.
पुलिस ने चंद्रशेखर को हिरासत में लेकर सर्किट हाउस ले गई, लेकिन समर्थक उग्र हो गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी. उपद्रवियों ने पुलिस की तीन गाड़ियों समेत करीब दर्जनभर वाहनों में तोड़फोड़ की और कुछ मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. पथराव में चौकी प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
पुलिस का बयान:
डीसीपी (यमुनानगर) विवेक चंद्र यादव ने बताया कि बवाल में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.
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चंद्रशेखर आजाद का बयान:
चंद्रशेखर आजाद ने सफाई दी है कि हिंसा करने वाले लोग उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे. उन्होंने दावा किया कि उनके समर्थक पूरे समय सर्किट हाउस में शांतिपूर्वक बैठे रहे. उन्होंने इस घटना के पीछे किसी साजिश की आशंका भी जताई है. फिलहाल प्रयागराज पुलिस हाई अलर्ट पर है और गांव व आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.