उचेहरा, देशबन्धु। समाजसेवी रामनाथ ताम्रकार के निवास में भगवान जगन्नाथ स्वामी दो दिन तक विश्राम करने के बाद अपने नृसिंह आखाडा धाम बड़ा अखाड़ा गाजे बाजे ढ़ोल नगाड़ो के साथ रथ में सवार होकर शायंकाल चल दिए। जिस समय ताम्रकार परिवार भगवान को विदा कर रहा था उस समय समूचा परिवार भगवान के जाने से उदास मन से विदा कर रहा था। दो दिन तक भगवान का उनके घर में विश्राम रहा और वेदमंत्रो चार के साथ भजन संध्या के आयोजन में भक्ति रस में पूरा परिवार रमा रहा। वहीं वेद मंत्रों की गूंज से पूरा मोहल्ला आल्हादित, उत्साहित रहा। भगवान की रात्रि महाआरती रात्रि में सैकड़ो लोग शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया।
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ऐसी पंरपरा
मिली जानकारी अनुसार उड़ीसा के पूरी में भगवान की बहन शुभद्रा को नगर भ्रमण की इच्छा होने पर भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र के साथ एक निश्चित तिथि पर रथ में सवार हो नगर भ्रमण के लिए निकल पड़े और करीब 3 किलोमीटर का रास्ता तय कर अपनी मौसी के घर जिसे आज गुडीचा मंदिर कहा जाता है भगवान वहां 9 दिनो तक विश्राम के बाद फिर अपने धाम के लिए निकल पड़े तब तक पुरी में महारथ महोत्सव चलता रहा। आज उसी पंरपरा को पूरे देश सहित जिले व नगर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालकर भक्त सनातन धर्म की अलख जगा रहे हैं।