दलाई लामा 90वां जन्मदिन: तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा ने बुधवार, 2 जुलाई को यह साफ कर दिया की उनकी मृत्यु के बाद दुनिया को अगला दलाई लामा मिलेगा. दलाई लामा के पुनर्जन्म की परंपरा जारी रहेगी. यह उन तिब्बतियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला है, जिनमें से कई लोगों को नेताविहीन भविष्य की आशंका थी. साथ ही यह उन वैश्विक समर्थकों के लिए भी एक ऐतिहासिक फैसला है, जो दलाई लामा को अहिंसा, करुणा और चीनी शासन के तहत तिब्बती सांस्कृतिक पहचान के लिए संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखते हैं. हालांकि इस पूरे मुद्दे पर पैनी नजर रखने वाले और दलाई लामा को separatist leader मानने वाले चीन बिलबिला गया है. चीन ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दलाई लामा के पुनर्जन्म को चीनी सरकार की मंजूरी लेनी होगी.

तिब्बती मान्यताओं के मुताबिक, तेनजिन ग्यात्सो दलाई लामा का 14वां अवतार हैं. उन्होंने तिब्बत को चीन से अधिक स्वायत्तता दिलाने के लिए लगातार शांतिपूर्ण संघर्ष किया है. 1959 में ल्हासा में चीन के खिलाफ हुए विद्रोह के बाद, दलाई लामा और हजारों तिब्बती बौद्ध भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. यह फैसला तिब्बती लोगों के भविष्य और उनकी सांस्कृतिक पहचान के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.