नई दिल्ली. देश में फर्जी सिम कार्ड के जरिए बढ़ते साइबर अपराध और ठगी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने AI तकनीक से लैस एक नई प्रणाली लागू करने की घोषणा की है. इस नई प्रणाली का नाम है ASTR (Artificial Intelligence and Facial Recognition powered Solution for Telecom SIM Subscriber Verification), जो एक AI शील्ड की तरह काम करेगी.
क्या है ASTR और कैसे करेगा काम?
ASTR एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और फेस रिकग्निशन आधारित अत्याधुनिक टूल है, जो किसी भी सिम यूजर के चेहरे और दस्तावेजों की तस्वीर का मिलान कर यह तय करेगा कि सिम वास्तविक दस्तावेजों पर जारी किया गया है या नहीं.
यदि कोई फर्जी या झूठे दस्तावेजों के आधार पर सिम लेने की कोशिश करता है, तो यह टूल तुरंत गड़बड़ी पकड़ लेगा.
इस स्थिति में वेरिफिकेशन फेल हो जाएगा और सिम कार्ड ब्लॉक कर दिया जाएगा.
यह प्रणाली मौजूदा सब्सक्राइबर डाटा को भी स्कैन करेगी और जो कनेक्शन फर्जी पाए जाएंगे उन्हें भी निष्क्रिय कर दिया जाएगा.
DoT ने X हैंडल पर दी जानकारी
दूरसंचार विभाग ने अपने आधिकारिक ‘X’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए लिखा:
“सिम फ्रॉड के खिलाफ भारत का AI शील्ड! फर्जी दस्तावेजों से सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए ASTR तकनीक विकसित की गई है. यह भारतीय टेलीकॉम इकोसिस्टम को सुरक्षित, स्मार्ट और फ्रॉड-रोधी बना रही है.”
करोड़ों सिम कार्ड हो सकते हैं बंद
सरकार के अनुसार, ‘संचार साथी’ पोर्टल पर मिली शिकायतों और ASTR सिस्टम के माध्यम से देशभर में फर्जी कनेक्शनों की जांच की जा रही है. हाल ही में 4.2 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों को ब्लॉक किया गया है, जो साइबर ठगी के लिए उपयोग हो रहे थे.
क्यों जरूरी है यह कदम?
फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल OTP फ्रॉड, बैंकिंग ठगी, फर्जी कॉल सेंटर और अंतरराष्ट्रीय स्कैम्स में तेजी से बढ़ रहा है.
आम नागरिक इन झूठे नंबरों से कॉल, SMS या लिंक भेजकर ठगे जा रहे हैं.
ASTR तकनीक से सरकार फर्जी आईडेंटिटी और सिम फ्रॉड पर सख्ती से लगाम लगाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठा रही है.