नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो वर्तमान में Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं, उन्हें और उनके साथियों को धरती पर लौटने के लिए कुछ और दिन इंतजार करना पड़ेगा. मिशन की वापसी की तय तारीख 10 जुलाई थी, लेकिन खराब मौसम और ISS में आई तकनीकी गड़बड़ियों के कारण अब उनकी वापसी 14 जुलाई से पहले नहीं हो पाएगी.
कौन-कौन हैं Axiom-4 मिशन के यात्री?
Axiom-4 मिशन के चार सदस्य हैं:
पैगी व्हिटसन (मिशन कमांडर, पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री)
शुभांशु शुक्ला (मिशन पायलट, भारतीय वायुसेना के अधिकारी)
स्लावोश उज्नांस्की-विस्निएव्स्की (मिशन स्पेशलिस्ट)
टिबोर कपु (मिशन स्पेशलिस्ट)
ये चारों अंतरिक्ष यात्री 27 जून को स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल “ग्रेस” के ज़रिए ISS पहुंचे थे.
क्या सुनीता विलियम्स की तरह फंस सकते हैं शुभांशु?
हालांकि अंतरिक्ष में “फंसना” एक डरावना शब्द लग सकता है, लेकिन Axiom-4 मिशन की वापसी में देरी महज एक सुरक्षा कदम है, न कि किसी आपात स्थिति का संकेत.
इससे पहले भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स भी कई बार अपने मिशन की अवधि में तकनीकी कारणों से अतिरिक्त समय अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं.
शुभांशु शुक्ला की स्थिति फिलहाल सुरक्षित है, और ISS पर सभी जरूरी संसाधन मौजूद हैं.
क्यों टली वापसी?
खराब मौसम:
धरती पर वापसी के लिए समुद्र में लैंडिंग ज़ोन का मौसम साफ होना जरूरी है. स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल को अटलांटिक या खाड़ी क्षेत्र में स्प्लैशडाउन करना होता है, जहां इन दिनों मौसम अस्थिर बना हुआ है.
ISS में तकनीकी समस्याएं:
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने बताया है कि ISS में कुछ तकनीकी गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिन्हें दूर करने का काम जारी है. इनका वापसी मिशन पर सीधा असर पड़ता है.
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सुरक्षा सर्वोपरि:
नासा और रूस की रोस्कोस्मोस एजेंसी मिलकर ISS की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटी हैं. अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी तभी होगी जब सभी पक्ष पूरी तरह संतुष्ट होंगे.
ISRO की चुप्पी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अभी तक इस देरी पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, संपर्क नियमित रूप से बनाए रखा गया है और शुभांशु शुक्ला पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय हैं.