कैलिफोर्निया. अमेरिका में भारत से फरार खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों के खिलाफ एफबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है. 11 जुलाई को कैलिफोर्निया के सैन जोक्विन काउंटी में हुई छापेमारी में एफबीआई की स्पेशल यूनिट और स्थानीय SWAT टीमों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 8 खालिस्तानी समर्थक अपराधियों को गिरफ्तार किया. यह ऑपरेशन “समर हीट इनिशिएटिव” के तहत चलाया गया, जिसका मकसद अमेरिका में सक्रिय खतरनाक आपराधिक गिरोहों को खत्म करना है.
गिरफ्तार आरोपी और जब्त सामान
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी भारतीय मूल के हैं, जिनमें शामिल हैं:
दिलप्रीत सिंह
अर्शप्रीत सिंह
अमृतपाल सिंह
विशाल
पवित्र सिंह उर्फ पवित्र बटाला
गुरताज सिंह
मनप्रीत रंधावा
सरबजीत सिंह
छापेमारी के दौरान पुलिस ने बरामद किया:
5 ऑटोमैटिक ग्लॉक पिस्टल
1 असॉल्ट राइफल
सैकड़ों कारतूस और मैगजीन
$15,000 से अधिक नकद
सबसे बड़ा नाम – पवित्र बटाला
इस कार्रवाई में सबसे ज्यादा चर्चा में है — पवित्र सिंह उर्फ पवित्र बटाला, जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा हुआ है.
वह भारत में एनआईए और पंजाब पुलिस को लंबे समय से वांछित था.
उस पर आतंकी लखबीर सिंह रोडे के साथ मिलकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप हैं.
उस पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी है और चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है.
कैसे पहुंचे अमेरिका?
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ये सभी आरोपी अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे और वहीं से भारत में आतंक और अपराध फैलाने की साजिश रचते रहे.
इनमें कई के खिलाफ देशद्रोह, हत्याएं, ड्रग्स तस्करी, हथियारों की तस्करी और गैंगवार जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं.
अन्य वांछित खालिस्तानी नाम भी रडार पर
एफबीआई और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की नजर अब उन अन्य वांछित आतंकियों पर है जो अमेरिका में रहकर भारत-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं.
इनमें नाम शामिल हैं:
गोल्डी बराड़
अनमोल बिश्नोई
रोहित गोदारा
‘समर हीट इनिशिएटिव’ – एफबीआई की मुहिम
एफबीआई के निदेशक श्री पटेल की अगुवाई में चल रहे इस ऑपरेशन का उद्देश्य है:
“अमेरिका में बसे विदेशी आपराधिक नेटवर्क और खालिस्तानी समर्थक आतंकियों का पूरी तरह सफाया करना.”
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भारत की प्रतिक्रिया और संभावनाएं
भारत सरकार पवित्र बटाला सहित सभी आरोपियों के प्रत्यर्पण के प्रयास तेज कर सकती है.
एनआईए और पंजाब पुलिस ने अमेरिकी एजेंसियों से आधिकारिक तौर पर संपर्क बढ़ाया है ताकि इन आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भारत में भी की जा सके.