विदिशा/गंजबासौदा. मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध विदिशा जिले में एक बार फिर पुरातात्विक महत्व की खोज सामने आई है. गंजबासौदा के निकट उदयपुर कस्बे में एक मस्जिद के पास खुदाई के दौरान 16वीं-17वीं सदी का शिवलिंग मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है.
घटना की सूचना मिलते ही पुरातत्व विभाग और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और शिवलिंग को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया.
कैसे हुआ शिवलिंग का पता?
उदयपुर गांव में स्थित चौखंडी वाली मस्जिद के पास निजाम नामक व्यक्ति अपने भवन का निर्माण करवा रहा था
गुरुवार सुबह खुदाई के दौरान एक पत्थरनुमा आकृति दिखी
पास से गुजर रहे ग्रामीणों ने शिवलिंग जैसी आकृति देखकर तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी
शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 3 फीट है और यह काले पत्थर से निर्मित प्रतीत हो रहा है
क्या कहता है पुरातत्व विभाग?
मौके पर पहुंचे पुरातत्व अधिकारी ने पुष्टि की कि यह 16वीं-17वीं सदी का शिवलिंग है
साथ ही अन्य प्राचीन अवशेष, जैसे कि पत्थरों पर खुदी आकृतियाँ, भी आसपास की जमीन में दिखाई दीं
यदि ग्रामीण इसकी देखरेख की जिम्मेदारी लेते हैं, तो इसे वहीं रखा जा सकता है, अन्यथा इसे पिसनहारी मंदिर संग्रहण कक्ष में स्थानांतरित किया जाएगा
प्रशासन की कार्रवाई:
नायब तहसीलदार अनुराग रावत ने बताया कि जिस स्थान पर निर्माण हो रहा था, वह शासकीय भूमि है
अब यह जांच की जाएगी कि निजी निर्माण की अनुमति कैसे मिली, और संविधानिक कार्रवाई की जाएगी
स्थानीय प्रतिक्रिया:
ग्रामीण राजेश नाथ सहित अन्य लोगों ने मांग की कि शिवलिंग को उसी स्थान पर स्थायी रूप से स्थापित किया जाए ताकि लोग पूजा-अर्चना कर सकें
स्थानीय लोग इसे गांव की सांस्कृतिक पहचान से जोड़कर देख रहे हैं
पहले भी मिल चुके हैं पुरावशेष:
दो वर्ष पहले इसी क्षेत्र में खुदाई के दौरान एक गणेश प्रतिमा और बाद में नंदी की मूर्ति भी मिली थी
तब भी पुरातत्व विभाग की अधिकारी नर्मता यादव की मौजूदगी में मूर्ति को संरक्षित स्थान पर भेजा गया था