सतना, देशबन्धु। सावन पूर्णिमा शनिवार को है। इस बार सावन की पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग तथा शनि श्रवण योग का महा संयोग रहेगा। आमतौर पर यह योग एक साथ नहीं आते हैं। इनका एक साथ होना ही अपने आप में दुर्लभ संयोग है। यह कहना है बम्हौरी निवासी पंडि़त राजकुमार पयासी का। उन्होने बताया कि इस वर्ष आठ ग्रह ऐसी राशियों में विद्यमान है, जिनमें उनकी मौजूदगी शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती है।
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सर्वार्थ सिद्ध से शुरूआत
आचार्य राजकुमार पयासी ने बताया कि 9 अगस्त दिन शनिवार की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग से होगी। शाम को शुभ योग का महासंयोग रहेगा। आठ ग्रहों का पुनरावृत्ति योग इस दिन को खास बना रहा है। इसकी शुभता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सालों बाद राखी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। बहनें सुबह से रात तक भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
मुहूर्त पर एक नजर
आचार्य राजकुमार पयासी ने बताया कि इस बार भद्रा का साया नहीं रहने से पूरे दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। जहां तक मुहूर्त की बात है तो राखी बांधने के शुभ मुहूर्त सुबह 7.30 से 9 बजे तक शुभ, दोपहर 12 से 1.30 बजे तक चंचल, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक लाभ, दोपहर 3 से शाम 4.30 बजे तक अमृत, शाम 6 से शाम 7.30 बजे तक लाभ, रात 9 से 10.30 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा।