चित्रदुर्ग, (कर्नाटक) 13 दिसम्बर (आईएएनएस)। चित्रदुर्ग के जिला प्रशासन ने मंगलवार को मुरुघा मठ द्वारा संचालित एक संगठन में रखे गए 22 अनाथ बच्चों के संबंध में कानूनी जांच का आदेश दिया है।
यह आदेश चित्रदुर्ग के अतिरिक्त जिला आयुक्त द्वारा बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को इस संबंध में ओडनाडी संस्था द्वारा की गई शिकायत के बाद दिया गया है।
अनाथ बच्चों को बसवेश्वरा अनाथ बाल गृह और मुरुघा मठ द्वारा संचालित अक्कमहादेवी छात्रावास में रखा गया था। ओडनाडी संगठन ने आरोप लगाया था कि संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू सहित आरोपी व्यक्तियों द्वारा मुरुघा मठ को शोषण के निवास में बदल दिया गया था।
सीडब्ल्यूसी को बच्चों की स्थिति और उनके माता-पिता के ठिकाने का पता लगाने के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन ने बच्चों का व्यापक और संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अब, जांच इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगी कि क्या इन बच्चों को गोद लेने की प्रक्रियाओं का पालन किया गया था।
ओडनाडी एनजीओ ने इस संबंध में सीडब्ल्यूसी द्वारा जिम्मेदारियों के उचित प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी और एसपी और डीसी से शिकायत की थी। शिकायत अनाथ बच्चों से संबंधित 13 मुद्दों को सूचीबद्ध करती है।
बलात्कार के आरोपी साधु अभी भी न्यायिक हिरासत में बंद है और उसे बदलने की मांग तेज होती जा रही है। एक पीड़िता की मां ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर न्याय या इच्छा मृत्यु की अनुमति की मांग की थी।
–आईएएनएस
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