deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home अंतरराष्ट्रीय

बांग्लादेश राष्ट्रीय शोक दिवस : एक सुबह, 17 कत्ल और बंगबंधु की खामोश विदाई, जब अपने ही बन गए कातिल

देशबन्धु by देशबन्धु
August 13, 2025
in अंतरराष्ट्रीय
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। जिस घर से बांग्लादेश की आजादी का ऐलान हुआ, वहीं एक दिन पूरी खामोशी के साथ वह आजादी की आवाज कुचल दी गई। 1975 में 15 अगस्त के उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन की शुरुआत, जब मस्जिदों से अजान की आवाज हवा में गूंज रही थी, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि बांग्लादेश की राजधानी उस दिन इतिहास के सबसे खौफनाक अध्याय में दाखिल होने जा रही है। धानमंडी के 32 नंबर मकान में सब कुछ पहले की तरह शांत था, लेकिन कुछ ही पलों में वहां का हर कमरा, हर दीवार और हर कोना गोलियों की तड़तड़ाहट भरी आवाज और खून के छीटों से भर गया।

READ ALSO

भारत व श्रीलंका की नौसेना ने किया समुद्री सैन्य अभ्यास ‘स्लिनेक्स’

एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने पीएम मोदी का वीडियो किया शेयर, स्वतंत्रता दिवस की दीं शुभकामनाएं

यह घर किसी आम नागरिक का नहीं था, यह बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का घर था। लेकिन, 1975 की वह सुबह इस घर के इतिहास में सबसे काली सुबह बन गई। बंगबंधु का वह घर बांग्लादेश के संघर्ष, आंदोलन और स्वाधीनता का गवाह रहा था। उन्होंने 1949 में अवामी लीग की स्थापना की और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के लिए राजनीतिक अधिकारों की लड़ाई शुरू की। 1970 के आम चुनावों में अवामी लीग को पूर्ण बहुमत मिला, लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान ने सत्ता हस्तांतरित नहीं की। इसके बाद शुरू हुई 1971 की मुक्ति संग्राम की लड़ाई, जिसमें भारत की मदद से पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश ने स्वतंत्रता पाई।

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जनवरी 1972 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान देश के पहले प्रधानमंत्री बने। लेकिन 1975 तक आते-आते राजनीतिक अस्थिरता, प्रशासनिक चुनौतियों और असंतोष के कारण हालात बिगड़ने लगे। उसी साल जनवरी में उन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला। इसके बावजूद, बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान किसी शाही महल में नहीं रहते थे। उनका साधारण दो मंजिला घर था, जैसे अन्य आम मध्यमवर्गीय बंगाली परिवार का होता था, वह उसी में रहते थे। लेकिन राष्ट्रपति पद संभालने के सिर्फ 7 महीने बाद ही उन्हें अपनों ने धोखा दे दिया।

बांग्लादेश आवामी लीग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बंगबंधु अक्सर कहा करते थे, “मेरी ताकत यह है कि मैं इंसानों से प्यार करता हूं। मेरी कमजोरी यह है कि मैं उन्हें बहुत ज्यादा प्यार करता हूं।”

शेख हसीना ने ‘अखबार ढाका टाइम्स’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया, “मेरे पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान देशवासियों पर भरोसा करते थे। यह कभी नहीं सोचा कि कोई बंगाली उन्हें गोली मारेगा। वे इसी विश्वास के साथ जीते थे कि कोई बंगाली उन्हें कभी भी मारने या किसी तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं करेगा।”

31 अगस्त 2022 को 15 अगस्त के 1975 के नरसंहार के बारे में शेख हसीना ने अपनी बातों को एक सभा के दौरान दोहराया था और कहा, “उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान कभी यह विश्वास नहीं कर सकते थे कि कोई बंगाली उनकी हत्या कर सकता है।”

ADVERTISEMENT

हालांकि, सैन्य तख्तापलट के दौरान सिर्फ बंगबंधु ही नहीं, बल्कि उनके परिवार के 17 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। उनकी बेटी शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना उस समय जर्मनी में थीं, इसीलिए दोनों बच गईं।

कोई युद्ध नहीं छिड़ा था। कोई विदेशी हमला नहीं हुआ था। ये सब तो बंगबंधु के अपने लोग थे। वही लोग, जिनके लिए बंगबंधु ने जेल की यातनाएं सही थीं और जिनकी आजादी के लिए उन्होंने अपना जीवन लगाया था।

बांग्लादेश आवामी लीग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ब्रिटिश पत्रकार साइरिल डन ने बंगबंधु के बारे में लिखा था, “उनका शारीरिक कद बहुत ऊंचा था। उनकी आवाज गरजती हुई बिजली जैसी थी। उनका करिश्मा लोगों पर जादू कर देता था। उनका साहस और आकर्षण उन्हें इस युग का एक अनोखा महापुरुष बनाता था।”

2004 के एक बीबीसी सर्वेक्षण में, बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को सर्वकालिक महानतम बंगाली चुना गया था।

हालांकि, जहां भारत हर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है तो बांग्लादेश में शोक का माहौल रहता है, क्योंकि उस देश में यह दिन राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

–आईएएनएस

डीसीएच/जीकेटी

देशबन्धु

Related Posts

भारत व श्रीलंका की नौसेना ने किया समुद्री सैन्य अभ्यास ‘स्लिनेक्स’
अंतरराष्ट्रीय

भारत व श्रीलंका की नौसेना ने किया समुद्री सैन्य अभ्यास ‘स्लिनेक्स’

August 15, 2025
एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने पीएम मोदी का वीडियो किया शेयर, स्वतंत्रता दिवस की दीं शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय

एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने पीएम मोदी का वीडियो किया शेयर, स्वतंत्रता दिवस की दीं शुभकामनाएं

August 15, 2025
रूस अलास्का शिखर सम्मेलन में अपनी स्थिति करेगा स्पष्ट: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
अंतरराष्ट्रीय

रूस अलास्का शिखर सम्मेलन में अपनी स्थिति करेगा स्पष्ट: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव

August 15, 2025
इजरायल-भारत साझेदारी के सर्वश्रेष्ठ अध्याय अभी बाकी हैं : नेतन्याहू
अंतरराष्ट्रीय

इजरायल-भारत साझेदारी के सर्वश्रेष्ठ अध्याय अभी बाकी हैं : नेतन्याहू

August 15, 2025
अंतरराष्ट्रीय

समय में पीछे जाकर डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस के जीवन में झांके

August 15, 2025
अंतरराष्ट्रीय

इतिहास का सामना करने से ही भ्रामक रास्ते से बचा जा सकता हैः वांग यी

August 15, 2025
Next Post

भाजपा का 'वोट चोरी' पर कड़ा जवाब, अखिलेश, राहुल और प्रियंका की सीटों पर चुनाव में गड़बड़ी का लगाया आरोप

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

093626
Total views : 5944966
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In