ग्वालियर. मध्य प्रदेश. ग्वालियर शहर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहाँ एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती पंजाब नेशनल बैंक के फील्ड ऑफिसर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
मृतक की पहचान मुरार स्थित त्यागी नगर निवासी पंकज शर्मा (33) के रूप में हुई है, जो पीएनबी की क्रेडिट शाखा में फील्ड ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे. परिजनों का आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र में पंकज को बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी मौत हुई है.
क्या है पूरा मामला?
पंकज शर्मा को उनके परिजनों ने 25 जुलाई 2025 को महाराजपुरा थाना क्षेत्र के शनिचरा रोड स्थित मिनी गोल्डन संस्कार नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था. पंकज कुछ समय से सूखा नशा (स्मैक-गांजा) की लत से जूझ रहे थे. लेकिन परिजनों का कहना है कि केंद्र में अमानवीय व्यवहार किया जाता था.
मंगलवार को पंकज सहित 7-8 युवक नशा मुक्ति केंद्र से भाग निकले. वह घर लौटे और परिवार से मिले. परिजनों के अनुसार, पंकज उस समय पूरी तरह स्वस्थ और सामान्य था. बावजूद इसके, जब केंद्र को इसकी सूचना दी गई तो उनके संचालक विशाल कांकर और हर्ष शिंदे ने पंकज को बड़ागांव खुरैरी से जबरन पकड़कर वापस ले गए.
सुबह आई मौत की सूचना, परिजनों को मिला मृत शरीर
आज सुबह करीब 5 बजे परिजनों को फोन आया कि पंकज की तबीयत बिगड़ गई है और उसे जेएएच ट्रॉमा सेंटर ले जाया जा रहा है. जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो पंकज स्ट्रेचर पर मृत अवस्था में पड़ा था. डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया कि वह अस्पताल मृत अवस्था में ही लाया गया था.
परिजनों का आरोप – बांधकर पीटा गया, जिससे हुई मौत
पंकज के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं. परिजनों का आरोप है कि उसे हाथ-पैर बांधकर इतनी बेरहमी से पीटा गया कि उसकी मौत हो गई. उन्होंने केंद्र संचालकों पर हत्या का आरोप लगाते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई और केंद्र को बंद कराने की माँग की है.
संचालक फरार, पुलिस कर रही जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर, घटना के बाद से ही नशा मुक्ति केंद्र के दोनों संचालक *फरार* बताए जा रहे हैं.
मौत से पहले पत्नी-बेटी से हुई थी आखिरी मुलाकात
परिजनों ने बताया कि एक दिन पहले जब पंकज घर आया था, तो उसने पत्नी अनुकृति कटारे और अपनी बेटी से मुलाकात की थी. किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी. अब परिवार गहरे सदमे में है.
क्या उठते हैं सवाल?
* नशा मुक्ति केंद्र में किस अधिकार से मरीज को जबरन पकड़ कर लाया गया, क्या केंद्र के पास कोई वैध कानूनी अनुमति थी, पंकज के शरीर पर चोट के निशान किसकी ओर इशारा करते हैं, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इन अवैध गतिविधियों पर क्या कार्रवाई करेगा?