भारत में आवारा कुत्तों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसला सुनाते हुए कहा है कि अब सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में नहीं रखा जाएगा. इस नए आदेश के अनुसार, केवल बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में रखा जाएगा. बाकी स्वस्थ कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उनके मूल स्थान पर ही वापस छोड़ दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की मुख्य बातें
स्वास्थ्य और नसबंदी: स्वस्थ और गैर-आक्रामक कुत्तों को पकड़ने के बाद उनका टीकाकरण और नसबंदी (Sterilization) करके उन्हें वापस उनके इलाके में छोड़ दिया जाएगा.
फीडिंग ज़ोन: हर नगरपालिका क्षेत्र में आवारा कुत्तों के लिए अलग से भोजन कराने के लिए फीडिंग ज़ोन बनाए जाएंगे. इन निर्धारित स्थानों के अलावा सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध रहेगा. इसका उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
हेल्पलाइन: नियमों का उल्लंघन होने पर शिकायत दर्ज कराने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी.
NGO की भूमिका: आवारा कुत्तों के लिए बनाए गए फीडिंग ज़ोन को चलाने में गैर-सरकारी संगठनों (NGO) की मदद ली जाएगी, जिन्हें इसके लिए 25,000 रुपये दिए जाएंगे.
गोद लेना: जो लोग आवारा कुत्तों को गोद लेना चाहते हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, यदि वे गोद लिए गए कुत्ते को बाद में छोड़ देते हैं, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी ही होगी.