रांची, 25 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को गोड्डा में सूर्या हांसदा के कथित एनकाउंटर के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए, जिससे कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।
पहली पाली में विपक्षी दलों ने मुठभेड़ की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हंगामा किया तो स्पीकर को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। दूसरी पाली में अनुपूरक बजट पर चर्चा शुरू हुई तो इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में जोरदार तकरार हुई।
भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सूर्या हांसदा की तुलना दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन से की। इस पर संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि सूर्या हांसदा एक अपराधी था, उसकी तुलना शिबू सोरेन जी से करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने आसन से भाजपा विधायक के वक्तव्य को रिकॉर्ड से हटाने की मांग भी की। इस पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा पर कई आपराधिक मामले जरूर दर्ज थे, लेकिन किसी भी अदालत ने उन्हें दोषी करार नहीं दिया। अपराधी घोषित करने का अधिकार केवल न्यायालय को है, न कि जनप्रतिनिधियों को। राजनीति में कई बार मुकदमे दर्ज होते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि कोई अपराधी हो गया।
मरांडी ने हांसदा को लोकप्रिय नेता बताते हुए कहा कि वे कई बार चुनाव लड़े और अपने क्षेत्र में मजबूत जनाधार रखते थे। मरांडी ने इस कथित एनकाउंटर की सीबीआई जांच कराने की मांग दोहराई।
उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री इसकी अनुशंसा करें, जांच सीबीआई करेगी और सच सामने आ जाएगा। बिना जांच किसी को अपराधी कहना न उचित है और न ही न्यायसंगत।”
संसदीय कार्य मंत्री के बयान को लेकर सदन का माहौल गरमाता गया और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे। हालांकि, हंगामे के बीच दूसरी पाली में कुछ कामकाज भी हुआ। सीएजी की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई।
–आईएएनएस
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