deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह : गर्भावस्था में पौष्टिक आहार अपनाएं, जंक फूड से बचें : डॉ. मीरा पाठक

देशबन्धु by देशबन्धु
September 4, 2025
in राष्ट्रीय
0
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह : गर्भावस्था में पौष्टिक आहार अपनाएं, जंक फूड से बचें : डॉ. मीरा पाठक
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में 1 से 7 सितंबर तक ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025’ मनाया जा रहा है। यह हमें स्वस्थ आहार और पोषण के महत्व के प्रति जागरूक करता है। यह सप्ताह हमें याद दिलाता है कि संतुलित और पौष्टिक आहार न केवल हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए जरूरी है, बल्कि यह विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

READ ALSO

पंजाब में 2000 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित, PM मोदी कर सकते हैं दौरा

दिल्ली : लाल किला परिसर से सोने-हीरे जड़ा करोड़ों का कलश चोरी, संदिग्ध की पहचान

गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जब मां और बच्चे दोनों के लिए सही पोषण सुनिश्चित करना अनिवार्य होता है, क्योंकि यह मां के स्वास्थ्य को बनाए रखने और शिशु के समुचित विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ADVERTISEMENT

आईएएनएस ने गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक से बातचीत की। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान पोषण की आवश्यकताओं और जंक फूड के दुष्प्रभावों के बारे में बात की। उनका कहना है कि गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और जंक फूड से बचना चाहिए ताकि मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहें।

डॉ. मीरा पाठक ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान, शरीर में भ्रूण के विकास के कारण कई बदलाव आते हैं। इस समय बच्चे की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ पोषक तत्वों की अतिरिक्त मात्रा की जरूरत होती है। सबसे पहले कैलोरी की बात करें, तो इसका विशेष ध्यान रखना जरूरी है। यदि गर्भवती महिला बहुत अधिक कैलोरी लेती है, तो उसे गर्भकालीन मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर कैलोरी की मात्रा कम रही, तो बच्चे का जन्म के समय वजन कम हो सकता है, मां को थकान, सुस्ती, नींद अधिक आना या वजन घटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पहले यह कहा जाता था कि गर्भावस्था में दो लोगों के बराबर खाना चाहिए, लेकिन यह सही नहीं है। सामान्य रूप से एक सामान्य महिला को 2,000 कैलोरी की जरूरत होती है, लेकिन गर्भावस्था में पहले तीन महीनों में 100 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है, जो एक स्वस्थ नाश्ते या छोटे भोजन से पूरी हो सकती है। दूसरे तिमाही में यह आवश्यकता बढ़कर लगभग 350 कैलोरी हो जाती है।

उन्होंने बताया कि विटामिन सी के फायदे भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और यह आयरन के अवशोषण को बेहतर करता है। विटामिन सी नींबू, संतरा, टमाटर और आंवला जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसके बाद कैल्शियम और विटामिन डी की आवश्यकता भी बढ़ जाती है, क्योंकि इस समय बच्चे की हड्डियां बन रही होती हैं। ये दूध, दही, पनीर, तिल, अंडे और मछली जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। प्रोटीन की मात्रा भी सामान्य से अधिक होनी चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के मांसपेशियों और ऊतकों के विकास में मदद करता है। प्रोटीन दाल, राजमा, छोले, अंडे और पनीर में पाया जाता है।

ADVERTISEMENT

उन्होंने आगे कहा कि ओमेगा-3 फैटी एसिड की भी बहुत जरूरत होती है, जो बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास में सहायक होता है। यह अखरोट, अलसी, चिया बीज और मछली में पाया जाता है। फोलिक एसिड भी अहम है, क्योंकि यह जन्म दोषों को रोकने में मदद करता है और पालक, चुकंदर, नींबू, संतरा जैसे खाद्य पदार्थों में मिलता है। विटामिन बी12 बच्चे और मां के तंत्रिका तंत्र के विकास और कार्य में सहायता करता है, जो दूध, दही, अंडे, मछली और मांस में पाया जाता है। जिंक भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और नट्स, बीज और साबुत अनाज में मिलता है। इसके अलावा, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ और सब्जियों का सेवन भी जरूरी है। सलाद, साबुत अनाज और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से परहेज करना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था में कब्ज, सूजन और पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं, जिनमें फाइबर मदद करता है। ये सभी पोषक तत्व और कैलोरी गर्भवती महिला के लिए सामान्य महिला से अधिक आवश्यकता होती है, ताकि मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहें।

डॉ. मीरा ने कहा कि यदि गर्भावस्था के दौरान मां कुपोषित रहती है, तो इसका मां और बच्चे दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। मां का वजन घटने लगता है, जिसके साथ-साथ उसे थकान, आलस्य, अत्यधिक नींद, पैरों में सूजन, चक्कर आना, घबराहट और हड्डियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, मां को एनीमिया और प्रीएक्लेमप्सिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे पर इसका असर यह होता है कि उसका जन्म के समय वजन कम हो सकता है, वह शारीरिक रूप से कमजोर हो सकता है, और उसके शरीर व मस्तिष्क का विकास धीमा हो सकता है। ऐसे बच्चों में भविष्य में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि गर्भवती महिला यदि जंक फूड जैसे चिप्स, तले हुए खाद्य पदार्थ, अत्यधिक शर्करायुक्त पेय या कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करती है, तो इन खाद्य पदार्थों में कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होती है। ये कैलोरी ऊर्जा तो प्रदान करती हैं, लेकिन इन्हें ‘खाली कैलोरी’ कहा जाता है, क्योंकि इनमें पोषक तत्व नहीं होते, जो शरीर को पोषण प्रदान करें। इन खाद्य पदार्थों में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और शर्करा की मात्रा अधिक होती है, जिससे मां में मोटापे, सिजेरियन डिलीवरी, और जटिल प्रसव की संभावना बढ़ जाती है। उच्च शर्करा के कारण गर्भावस्था में मधुमेह या इंसुलिन प्रतिरोध का खतरा भी बढ़ता है। इनमें नमक और अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता के कारण उच्च रक्तचाप और प्री-एक्लेमप्सिया का जोखिम बढ़ जाता है।

उन्होंने आगे जानकारी दी कि इसके अलावा, इनमें मौजूद एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव्स मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। जंक फूड में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे मां को कमजोरी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि इनमें फाइबर नहीं होता। बच्चे पर इसका प्रभाव यह पड़ता है कि अत्यधिक शर्करा और नमक के कारण बच्चे का वजन बढ़ सकता है, जिससे उच्च जन्म वजन वाला शिशु पैदा हो सकता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण बच्चे के मस्तिष्क विकास पर असर पड़ सकता है, जिससे बुद्धि स्तर कम होने और हृदय रोगों की संभावना बढ़ सकती है।

डॉ. पाठक ने आगे कहा कि हमारा पारंपरिक भारतीय आहार, जिसमें रोटी, सब्जी, दाल, चावल, रायता, छाछ, लस्सी, सलाद, और मौसमी फल शामिल हैं, अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, और खनिजों की उच्च मात्रा होती है। कुछ लोग पारंपरिक आहार में गुड़ के लड्डू, खजूर, अनार, तिल के लड्डू, और सूखे मेवे शामिल करते हैं, जो प्रोटीन और विटामिन से समृद्ध होते हैं। हालांकि, पारंपरिक आहार सप्लीमेंट्स का स्थान नहीं ले सकता, और न ही सप्लीमेंट्स प्राकृतिक खाद्य स्रोतों का स्थान ले सकते हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/एबीएम

देशबन्धु

Related Posts

पंजाब, 2000 अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित, PM मोदी कर सकते हैं दौरा
ताज़ा समाचार

पंजाब में 2000 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित, PM मोदी कर सकते हैं दौरा

September 6, 2025
दिल्ली : लाल किला परिसर से सोने-हीरे जड़ा करोड़ों का कलश चोरी, संदिग्ध की पहचान
राष्ट्रीय

दिल्ली : लाल किला परिसर से सोने-हीरे जड़ा करोड़ों का कलश चोरी, संदिग्ध की पहचान

September 6, 2025
होशियारपुर: चिंतपूर्णी-धर्मशाला नेशनल हाईवे पर हादसा, एम्बुलेंस खाई में गिरी, 3 की मौत, 2 घायल
राष्ट्रीय

होशियारपुर: चिंतपूर्णी-धर्मशाला नेशनल हाईवे पर हादसा, एम्बुलेंस खाई में गिरी, 3 की मौत, 2 घायल

September 6, 2025
पंजाब सीएम भगवंत मान की हालत स्थिर, डॉक्टरों ने दी अपडेट
राष्ट्रीय

पंजाब सीएम भगवंत मान की हालत स्थिर, डॉक्टरों ने दी अपडेट

September 6, 2025
ताज़ा समाचार

मुंबई ट्रैफिक पुलिस को धमकी भरा मैसेज भेजने वाला आरोपी नोएडा से गिरफ्तार

September 6, 2025
ताज़ा समाचार

अदाणी पावर और ड्रुक ग्रीन पावर भूटान में 570 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना करेंगे स्थापित

September 6, 2025
Next Post
मध्यप्रदेश मौसम विभाग 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

मध्यप्रदेश के 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

096744
Total views : 5963898
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In