नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) को दो सप्ताह के भीतर एक अपीलीय समिति गठित करने का निर्देश दिया, ताकि एयर इंडिया द्वारा अनियंत्रित यात्री घोषित करने और चार महीने के लिए उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ शंकर मिश्रा की अपील की जांच की जा सके।
मिश्रा पर न्यूयॉर्क-दिल्ली एयर इंडिया की उड़ान में एक बुजुर्ग महिला सह-यात्री पर पेशाब करने का आरोप है, हाल ही में उसने अपील पर सुनवाई के लिए एक अपीलीय समिति के गठन की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
अदालत ने डीजीसीए अपीलीय समिति को मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के लिए 20 अप्रैल को अपनी पहली बैठक करने को कहा है।
इसने याचिकाकर्ता मिश्रा को दो सप्ताह में अपील दायर करने का भी निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल-न्यायाधीश की पीठ ने टिप्पणी की कि मामले के तथ्यों को देखते हुए, अधिकारियों ने इस मामले में बहुत ही सहानुभूतिपूर्ण ²ष्टिकोण अपनाया है।
पिछली सुनवाई में डीजीसीए के वकील ने कहा था कि कमेटी पहले से ही मौजूद है।
अदालत ने तब डीजीसीए के वकील से अपीलीय समिति के गठन को एक सप्ताह के भीतर अदालत के समक्ष रखने को कहा था।
मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने 7 जनवरी को बेंगलुरू से पिछले नवंबर में एक उड़ान में नशे की हालत में 70 वर्षीय एक महिला पर पेशाब करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जबकि 31 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी।
उन्होंने कहा था कि मिश्रा ने कथित तौर पर जो किया है वह घिनौना है लेकिन अदालत कानून का पालन करने के लिए बाध्य है।
मिश्रा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि जहां डीजीसीए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया को प्रतिवादी बनाया गया है, वहीं शिकायतकर्ता महिला ने 20 दिसंबर, 2022 को उनके खिलाफ एयरसेवा शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोप के जवाब में एयर इंडिया ने एक आंतरिक जांच समिति की स्थापना की। समिति ने 18 जनवरी, 2023 को एक आदेश जारी कर उसे अनियंत्रित यात्री के रूप में पहचाना और चार महीने के लिए हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया।
–आईएएनएस
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