उमरिया. जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम कच्छरवार के हालात किसी बड़ी त्रासदी की चेतावनी से कम नहीं हैं। बरसाती नदी पर बना अस्थायी रपटा बह जाने से ग्रामीण रोज़ाना अपनी जान हथेली पर रखकर आवागमन करने को मजबूर हैं। हालात इतने खतरनाक हैं कि छात्र–छात्राओं को परिजन स्वयं नदी पार कराकर स्कूल भेज रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि इसी स्थान पर हाल ही में एक युवक की नदी पार करते वक्त मौत हो चुकी है, लेकिन घटना के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। आपात स्थिति में न एम्बुलेंस पहुँच पा रही है और न ही बीमारों का इलाज हो पा रहा। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है।
सबसे अधिक मार गरीब किसानों पर पड़ी है। इस समय खेतों में खाद डालने का सीजन है, लेकिन रपटा न होने से उन्हें दुर्गम और खतरनाक रास्तों से खेत पहुँचना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने शासन–प्रशासन से मांग की है कि स्थायी पुलिया निर्माण होने तक तुरंत सुरक्षित मार्ग या अस्थायी रपटा की व्यवस्था की जाए, ताकि जान का जोखिम टल सके। उनका कहना है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया तो गांव किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का गवाह बन सकता है।