नरसिंहपुर. न्यायालय ने कड़ा रूख अपनाते हुये धारा 383 बी.एन.एस.एस. के अंतर्गत न्यायालय के समक्ष झूठी साक्ष्य देने का दोषी पाते हुये अभियुक्तगण राजीव मेहरा पिता सुभाष मेहरा निवासी करेली बस्ती तथा अभिषेक काछी आ. राजाराम काछी को 1000-1000/- रूपये के अर्थदंड से तथा व्यतिक्रम पर 15 दिन के कारावास से दंडित किया गया है।
वर्तमान नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 383 के अंतर्गत न्यायालय अगर किसी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष मिथ्या तथा झूठी साक्ष्य का दोषी पाता है तो उसे 03 माह के कारावास तथा अर्थदंड दोनों से दंडित करने का प्रावधान रखा गया है।
न्यायालय सत्र न्यायाधीश वैभव सक्सेना के न्यायालय में लंबित सत्र प्रकरण क्रमांक 31/2025 शासन बनाम दीपक बगैरह में अभियुक्त अभिषेक द्वारा प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेख कराया गया था तथा बाद में न्यायिक मजि. प्रथम श्रेणी ऐश्वर्या जैन के समक्ष कथन किये गये थे।
अभियुक्त राजीव मेहरा चक्षुदर्शी साक्षी था उक्त दोनों गवाहों ने न्यायालय के समक्ष गवाही के दौरान प्रथम सूचना प्रतिवेदन तथा दिये गये कथनों से इंकार कर दिया जिस पर लोक अभियोजक धर्मेन्द्र ममार की शिकायत पर संज्ञान लेते हुये न्यायालय सत्र न्यायाधीश, वैभव सक्सेना ने धारा 383 बी.एन.एस.एस. के तहत उक्त दोनों गवाहों को न्यायालय के समक्ष मिथ्या तथा झूठ साक्ष्य देने का दोषी पाते हुये सजा सुनाई है।