हैदराबाद, 14 सितंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना की ड्रग लॉ एनफोर्समेंट की एलीट एक्शन ग्रुप (ईगल) ने ड्रग्स कारोबार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। हैदराबाद के सिकंदराबाद इलाके में स्थित एक निजी स्कूल को नशीली दवाओं की फैक्ट्री के रूप में इस्तेमाल किए जाने का पर्दाफाश किया है।
ईगल टीम ने शनिवार को बोवेनपल्ली इलाके में स्थित मेधा हाई स्कूल पर छापा मारकर 3.5 किलो अल्प्राज़ोलम, 4.3 किलो अधपका अल्प्राज़ोलम, 21 लाख रुपये नकद, भारी मात्रा में कच्चा माल और निर्माण उपकरण जब्त किए। बरामद नकदी को पुलिस ने सिर्फ दो दिन की बिक्री की कमाई बताया है।
कार्रवाई में पुलिस ने स्कूल के डायरेक्टर और इस धंधे के मास्टरमाइंड मलेला जया प्रकाश गौड़ (39) सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। गौड़ महबूबनगर का निवासी है और पहले वहां ताड़ी की दुकान चलाता था। बाद में उसकी मुलाकात गुरुवा रेड्डी से हुई, जिसने उसे अल्प्राज़ोलम बनाने का फॉर्मूला दिया। गौड़ ने इसके लिए रेड्डी को 2 लाख रुपये भी चुकाए थे।
जांच में खुलासा हुआ कि गौड़ स्कूल की आड़ में करीब एक साल से इस गोरखधंधे को चला रहा था। स्कूल में करीब 130 बच्चे पढ़ते थे और यहां कक्षा 7 तक की पढ़ाई होती थी। इमारत के तहखाने में क्लासरूम थे, जबकि ग्राउंड फ्लोर पर बैंक और पहली मंजिल का कुछ हिस्सा पढ़ाई के लिए इस्तेमाल होता था। वहीं, भवन के पिछले हिस्से में उसने नशीले पदार्थ बनाने की यूनिट लगा रखी थी।
गौड़ तैयार माल को महबूबनगर जिले के बूथपुर और आसपास के ताड़ी डिपो में सप्लाई करता था, ताकि ताड़ी में मिलाकर उसे अधिक नशे वाला बनाया जा सके। इसी कड़ी में दो अन्य आरोपी ड्राइवर पी. उदय साई (23) और ट्रांसपोर्टर जी. मुरली साई को भी गिरफ्तार किया गया है।
ईगल अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उन सप्लायरों का पता लगाया जा रहा है जो रसायन उपलब्ध करा रहे थे। गौरतलब है कि जुलाई में हैदराबाद के कुकटपल्ली इलाके में ताड़ी में अल्प्राज़ोलम मिलाने से 9 लोगों की मौत हो गई थी और 50 लोग बीमार पड़ गए थे।
–आईएएनएस
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