ग्रेटर नोएडा, 15 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्धनगर पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए गाजियाबाद के पत्थर व्यापारी के पोते शशांक गुप्ता के अपहरण मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में मुठभेड़ के बाद पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो के पैर में पुलिस की गोली लगी है। युवक को सकुशल बरामद कर लिया गया है।
पुलिस उपायुक्त (जोन-3) साद मियां खान ने जानकारी दी कि व्यापारी राम प्रकाश गुप्ता ने अपने पोते शशांक गुप्ता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शशांक अपने घर से नेहरू नगर (गाजियाबाद) से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। बाद में उसकी कार यमुना एक्सप्रेसवे पर लावारिस हालत में मिली।
जांच में सामने आया कि यह कोई सामान्य लापता मामला नहीं बल्कि एक पूर्व-नियोजित अपहरण की साजिश थी। बदमाशों ने शशांक को फंसाने के लिए सोशल मीडिया पर एक युवती के जरिए दोस्ती करवाई और फिर उसे मिलने के बहाने एक्सप्रेसवे बुलाया। जैसे ही वह मौके पर पहुंचा, पहले से घात लगाए बैठे अपहरणकर्ताओं ने उसे अगवा कर लिया।
शशांक को अगवा करने के बाद बदमाश उत्तर प्रदेश के कई जिलों, जैसे फर्रुखाबाद, कन्नौज आदि में उसे घुमाते रहे और बार-बार ठिकाना बदलते रहे ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। इस दौरान उन्होंने परिजनों से इंटरनेट कॉलिंग के जरिए संपर्क कर चार करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की 5 टीमें और स्वाट यूनिट को लगाया गया। आखिरकार, 5 दिन की लगातार कोशिशों के बाद जेवर थाना क्षेत्र में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान दो आरोपी मोहित गुप्ता और आलोक यादव के पैरों में गोली लगी, जबकि निमय शर्मा, श्याम सुंदर और सुमित कुमार को बाद में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके पास से अपहरण में प्रयुक्त कार, दो देसी तमंचे और कारतूस बरामद किए हैं।
–आईएएनएस
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