ढाका, 18 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में बुधवार को डेंगू से मरने वाले लोगों की तादाद छह हो गई। इस तरह 2025 में मच्छर जनित बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या 167 हो गई है। बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने इसकी पुष्टि की है।
यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) ने डीजीएचएस के हवाले से बताया कि ढाका उत्तर नगर निगम में दो, ढाका दक्षिण नगर निगम में दो, बारिशाल संभाग में एक और चटगांव संभाग में एक मौत दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार सुबह तक बांग्लादेश के अस्पतालों में कुल 647 मरीजों को भर्ती कराया गया और इस तरह 2025 में डेंगू पीड़ितों की कुल संख्या बढ़कर 38,527 हो गई है।
डीजीएचएस के अनुसार, ढाका दक्षिण नगर निगम में 128, ढाका उत्तर नगर निगम में 113, बारिशाल संभाग (नगर निगम के बाहर) में 108, ढाका संभाग (नगर निगम के बाहर) में 102 , चटगांव संभाग (नगर निगम के बाहर) में 96, राजशाही संभाग (नगर निगम के बाहर) में 38, खुलना संभाग (नगर निगम के बाहर) में 37 और मयमनसिंह संभाग (नगर निगम के बाहर) में 25 नए मामले दर्ज किए गए।
वर्तमान में, बांग्लादेश के विभिन्न अस्पतालों में 2042 मरीजों का इलाज चल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 62.6 प्रतिशत मरीज पुरुष थे जबकि 37.4 प्रतिशत महिलाएं थीं। 2024 में डेंगू से 575 लोगों की मौत हुई। इसी अवधि के दौरान, डीजीएचएस ने बांग्लादेश में 101,214 डेंगू के मामले और 100,040 के ठीक होने की सूचना दी।
इससे पहले 16 सितंबर को, डीजीएचएस ने डेंगू पीड़ितों का इलाज सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अस्पतालों के लिए नए निर्देशों की घोषणा की थी। दिशानिर्देशों के अनुसार, बांग्लादेश के सभी अस्पतालों को डेंगू के इलाज के लिए समर्पित वार्ड स्थापित करने होंगे और एक विशेष चिकित्सा दल का गठन करना होगा। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डीजीएचएस का मानना है कि इस फैसले से मरीजों की देखभाल में सुधार और अस्पताल सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
डीजीएचएस निदेशक (अस्पताल और क्लीनिक) अबू हुसैन एमडी मैनुल अहसन ने मंगलवार को यह निर्देश जारी किया। डीजीएचएस ने कहा कि अस्पतालों को इलाज करा रहे डेंगू के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पतालों को एनएस-1 जांच, इमरजेंसी केयर और मरीजों के लिए पर्याप्त दवाइयां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अस्पतालों में डेंगू का इलाज करा रहे मरीजों को एक निर्धारित वार्ड या कमरे में रखा जाना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर आईसीयू सहायता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टरों और नर्सों को विशेष जिम्मेदारियां दी गई हैं।
निर्देश में डेंगू और चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सा, बाल रोग और अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक बोर्ड बनाने का आह्वान किया गया है। इस बोर्ड की देखरेख में प्रशिक्षित डॉक्टर, चिकित्सा अधिकारी और रेजिडेंट डॉक्टर डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की देखभाल करेंगे।
निर्देश के अनुसार, यही बोर्ड और डॉक्टर अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों में आने वाले संदिग्ध मरीजों का इलाज करेंगे। इसमें अस्पताल निदेशकों को नगर निगमों या नगर पालिकाओं को अस्पताल परिसर के आसपास मच्छर न पनपने देने के लिए उचित उपाय करने और सफाई अभियान चलाने के लिए पत्र भेजने का भी आदेश दिया गया है।
–आईएएनएस
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