नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। हर कोई दमकती और बेदाग त्वचा चाहता है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण, बदलती लाइफस्टाइल और केमिकल से भरे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल त्वचा की प्राकृतिक चमक को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। आयुर्वेद में एक ऐसा चमत्कारी पौधा है, जो त्वचा की खोई हुई चमक को वापस लाने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद में गिलोय को त्वचा के लिए वरदान माना गया है, जिसे संस्कृत में ‘अमृता’ कहा जाता है।
गिलोय को आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा की खूबसूरती को बढ़ाने में भी बेहद फायदेमंद है।
वैज्ञानिक रिसर्च भी इस बात की पुष्टि करता है कि गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो त्वचा की गहराई से सफाई करते हैं और उसमें निखार लाते हैं।
गिलोय का न सिर्फ सेवन फायदेमंद होता है, बल्कि इसे चेहरे पर लगाना भी बेहद असरदार होता है।
अगर आपकी त्वचा मुरझाई हुई है, चेहरे पर दाग-धब्बे हैं या फिर मुहांसे बार-बार निकलते हैं, तो इसका सबसे आसान तरीका है गिलोय के पाउडर को कच्चे दूध के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें और उसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं।
ऐसा करने से कुछ दिनों में त्वचा का रंग निखरने लगता है। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा को सॉफ्ट करता है और गिलोय की औषधीय ताकत उसे भीतर से ठीक करती है।
अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है, तो गिलोय पाउडर में गुलाब जल मिलाकर फेस पैक लगाएं। इससे त्वचा को ठंडक मिलती है और दाग-धब्बे भी हल्के होते हैं।
गिलोय की मुलायम लकड़ी को पानी के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से भी जबरदस्त फायदे मिलते हैं। पुराने समय में गांवों में महिलाएं गिलोय की लकड़ी को सिलबट्टे पर घिसकर चेहरे पर लगाती थीं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो इससे त्वचा से गंदगी और बैक्टीरिया दूर हो जाते हैं, साथ ही लाल चकत्ते या खुजली भी धीरे-धीरे ठीक हो जाती है।
इसके अलावा, जिनकी त्वचा बहुत जल्दी ड्राई हो जाती है या बार-बार मुहांसे निकलते हैं, वे गिलोय के ताजे तने के पेस्ट में एलोवेरा जेल मिलाकर लगाएं। एलोवेरा त्वचा को ठंडक और नमी देता है, जबकि गिलोय त्वचा को संक्रमण से बचाता है।
–आईएएनएस
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