जयपुर, 19 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान सरकार ने खेल क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जयपुर विधेयक 2025’ का अनुमोदन कर दिया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
विधेयक आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा, जिससे राज्य में पहली बार खेल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। यह कदम राजस्थान की खेल प्रतिभाओं को निखारने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मील का पत्थर साबित होगा। कैबिनेट की प्रेस ब्रीफिंग में डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकारों से बात करते हुए इसकी जानकारी दी।
बैरवा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय जयपुर के अचरोल क्षेत्र में स्थापित होगा, जहां जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेडीए) ने 1.9 लाख वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध कराई है। विश्वविद्यालय में खेल विज्ञान, तकनीक, प्रदर्शन विश्लेषण और अनुसंधान पर फोकस होगा। आधुनिक खेल बुनियादी ढांचे से लैस यह संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप एक्सीलेंस सेंटर बनेगा। इससे खिलाड़ियों को डिग्री और डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध होंगे, जो ओलंपिक जैसे वैश्विक आयोजनों के लिए उन्हें तैयार करेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यकाल में चौथी बार राजस्थान आ रहे हैं। उनकी यह यात्रा खेल और विकास परियोजनाओं को गति देगी। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी देश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी होगी, जो राजस्थान के गौरवशाली इतिहास से प्रेरित होकर युवाओं को सशक्त बनाएगी।” पटेल ने बताया कि यह फैसला खेलो इंडिया और वन डिस्ट्रिक्ट वन स्पोर्ट्स नीति से जुड़ा है, जिससे ग्रामीण स्तर पर भी प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा।
यह निर्णय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की पहल का हिस्सा है, जो जुलाई 2024 के बजट में घोषित हुआ था। कैबिनेट ने अन्य फैसलों में एनआरआई कोटे में मेडिकल प्रवेश शुल्क को प्रबंधन कोटे के 2.5 गुना (लगभग 23.93 लाख रुपए सालाना) करने का भी अनुमोदन किया। साथ ही, मृत सरकारी कर्मचारियों के माता-पिता और दिव्यांग बच्चों के लिए पेंशन नियमों को सरल बनाया गया। सेवा नियमों में संशोधन से पदोन्नति के अवसर बढ़ेंगे।
–आईएएनएस
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