अहमदाबाद, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कृषि और सिंचाई के क्षेत्र में गुजरात दूसरे प्रदेशों के लिए एक मिसाल बन चुका है। इसका श्रेय जाता है गुजरात सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सुजलाम सुफलाम’ योजना को, जिसने किसानों के खेतों को लहलहाने और उनकी जिंदगी को समृद्ध करने में अहम भूमिका निभाई है।
गुजरात सिंचाई के बेहतर संसाधनों और आधुनिक कृषि तकनीकों के लिए जाना जाता है। इस क्रांति के पीछे है सुजलाम सुफलाम योजना, जिसकी शुरुआत साल 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिसागर जिले में माही नदी पर बने कडाना डैम से नहर निकालकर राज्य के कई जिलों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना था।
जल प्रबंधन विशेषज्ञ अभय रावल ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि 10 जिलों के लिए बनाई गई यह योजना सफल रही।
पानी की कमी वाले इलाकों के लिए सुजलाम सुफलाम स्प्रेडिंग कैनाल जीवनदायी साबित हुई है। लगातार पानी मिलने से जहां किसानों की उपज बढ़ी है, वहीं उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है। इस योजना ने गुजरात के किसानों की किस्मत बदल दी है। पहले किसान कृषि के लिए बारिश पर निर्भर थे, लेकिन अब पूरे साल पानी की उपलब्धता ने उन्हें हर मौसम में फसल उगाने में सक्षम बनाया है।
कच्छ के किसान राजेश भाई ने बताया कि सुजलाम सुफलाम योजना के कारण हमारे खेत हरे-भरे हैं और आय भी बढ़ी है। इस योजना के तहत हमें फसलों में पानी के लिए बरसात पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
बता दें कि वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में सुजलाम सुफलाम 2.0 को और विस्तार दिया जा रहा है। यह योजना जल प्रबंधन, भूजल स्तर बढ़ाने, चेक डैम और नहरों के निर्माण के जरिए पूरे राज्य में पानी की कमी को दूर करने में क्रांतिकारी साबित हो रही है। गुजरात की यह पहल न केवल किसानों के लिए वरदान है, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन रही है।
सुजलाम सुफलाम योजना ने गुजरात को न केवल कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
–आईएएनएस
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