गोरखपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत बनाने की संकल्पना के अनुरूप प्रदेश ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047’ पर काम कर रही है। इसमें हर व्यक्ति योजक की भूमिका निभा सकता है।
सीएम योगी ने रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर एमजीयूजी के ऑडिटोरियम में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश विजन-2047’ पर आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित 12 सेक्टर्स में से किसी भी क्षेत्र में अपने सुझाव देकर राज्य का हर व्यक्ति यूपी को विकसित बनाने में योजक की भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने आह्वान किया कि हर व्यक्ति सरकार द्वारा जारी ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047’ के क्यूआर कोड को मोबाइल में स्कैन कर अपने सुझाव अवश्य दे। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की पूर्व और वर्तमान दशा का विस्तार से उल्लेख किया और भावी दशा के लिए एक रोडमैप सबके सामने रखा।
सीएम ने कहा कि आजादी मिलने के बाद 1947 में देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान 14 प्रतिशत था। इसके बाद इसमें लगातार गिरावट आती गई। 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें सुधार आना शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री ने पितृ विसर्जन के पावन पर्व पर आजादी दिलाने वाले देश के पूर्वजों को याद करते हुए कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वालों का सपना था कि भारत दुनिया की एक ताकत बने। पितृ विसर्जन पर विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के संकल्प के लिए आयोजित यह कार्यशाला पूर्वजों के प्रति सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। पीएम के आह्वान के तीन साल बाद जब किसी और जगह से आवाज नहीं आई तो विकसित भारत के लिए आवाज उठाने की शुरुआत यूपी ने की।
बताया कि अगस्त माह में विकसित उत्तर प्रदेश के लिए एक विजन बनाने को विधानसभा और विधान परिषद में लगातार 24 घंटे चर्चा हुई। इस चर्चा ने उस धारणा को बदल दिया है जिसमें कहा जाता था कि विधायिका में काम नहीं होता है और उस चर्चा के बाद अब आमजन से सुझाव लेकर कार्ययोजना बनाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेशभर में इस तरह के चर्चा के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने हेतु यूपी में तीन सौ से अधिक बुद्धिजीवियों, जिनमें सेवानिवृत्त आईएएस, कुलपति, शिक्षक, चिकित्सक और उद्यमी की सहभागिता है, को प्रदेश के सभी जिलों में भेजा जा रहा है।
ये बुद्धिजीवी प्रदेश के विभिन्न अकादमिक संस्थाओं में जाकर विकसित उत्तर प्रदेश के विजन पर छात्रों व अन्य लोगों से चर्चा कर रहे हैं। अब तक प्रदेश के 110 से अधिक अकादमिक संस्थाओं में भ्रमण कर ये बुद्धिजीवी छात्रों से, जनता से संवाद कर चुके हैं। ये अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के बहुमूल्य विचारों को भी आमंत्रित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विचार कभी मरता नहीं है। यदि विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का विचार सामने आया है, तो मूर्त रूप अवश्य लेगा। इसी विश्वास के साथ आज हम सब आगे बढ़ रहे हैं। पांचवें संकल्प के रूप में प्रधानमंत्री ने देश दर्शन दिया है। हमारे यहां 4 धाम, 51 शक्ति पीठ, 12 ज्योर्तिलिंग आदि आध्यात्मिक पर्यटन के सभी केंद्र हैं। हेरिटेज टूरिज्म की दृष्टि से भी भारत सम्पन्न है। भारत ने आक्रान्ताओं के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी है। टूरिज्म के लिए हम विदेश क्यों जाएं, जब हमारे पास इतना वैभवपूर्ण टूरिज्म क्षेत्र है? इससे हमारा पैसा भी अपने देश में खर्च होगा।
पीएम के संकल्पों को याद दिलाते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। रासायनिक उर्वरकों से कैंसर जैसे अनेक रोग होते हैं। मधुमेह के रोगियों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है। प्राकृतिक खेती लागत को भी कम करने के साथ स्वस्थ भोजन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करती है। इसी क्रम में हमें एक स्वस्थ दिनचर्या अपनानी चाहिए। हमें योग और खेल को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। नौवें संकल्प के रूप में प्रधानमंत्री ने किसी नेशनल मिशन के रूप में जोड़ने का आह्वान किया था। यह मिशन गरीबी उन्मूलन, दिव्यांग सहायता, महिला सहायता के रूप में हो सकता है।
–आईएएनएस
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