न्यूयॉर्क, 22 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र से इतर यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक यह चर्चा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच उभरे मतभेदों को पाटने के लिए होगी।
जयशंकर और रुबियो के बीच यह इस साल की तीसरी मुलाकात है। उनकी पिछली बातचीत 1 जुलाई को वाशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई थी। इससे पहले जनवरी में जयशंकर ने रुबियो से उनके पदभार ग्रहण करने के कुछ ही दिनों बाद मुलाकात की थी।
भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने से नाराज अमेरिका ने भारी भरकम व्यापार शुल्क लगा दिया है और तभी से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हैं। विवाद शुरू होने के बाद जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच यह पहली मुलाकात है।
अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जो 27 अगस्त से लागू हो गया है।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन में व्यापार वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए वहां गए हुए हैं।
जयशंकर की रुबियो के साथ होने वाली यह बैठक महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है, खासकर ट्रंप प्रशासन के हालिया फैसले के मद्देनजर, जिसमें एच-1बी वीजा फीस बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
ट्रंप के आदेश ने एच-1बी वीजा के लिए आवेदन शुल्क 100,000 डॉलर तक बढ़ा दिया है, जिससे टेक इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है और इस वीजा प्रोग्राम पर निर्भर कर्मचारियों में अनिश्चितता पैदा हो गई है।
हालांकि, समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए एक विशेष जवाब में व्हाइट हाउस ने शनिवार को कहा कि यह एक बार की फीस है जो केवल नए वीजा पर लागू होती है, न कि वीजा नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी एक्स पर पोस्ट किया कि जिन लोगों के पास पहले से ही एच-1बी वीजा है और जो इस समय देश से बाहर हैं, उनसे दोबारा प्रवेश के लिए 100,000 डॉलर नहीं लिए जाएंगे।
–आईएएनएस
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