मिजोरम, 22 सितंबर (आईएएनएस)। शीर्ष छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) ने हाल ही में संपन्न चुनावों के बाद सोमवार को अपने सम्मेलन हॉल में कार्यभार हस्तांतरण समारोह आयोजित किया। इस दौरान एमजेडपी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. सी. लालरेमरूआटा ने 90 वर्ष पुराने संगठन को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखने का संकल्प लिया।
एमजेडपी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. सी. लालरेमरूआटा ने छात्रों के कल्याण, शिक्षा और पहचान संरक्षण के लिए सुधारों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
डॉ. लालरेमरूआटा ने अपने प्रथम भाषण में सभी निवर्तमान नेताओं से एमजेडपी चुनावों में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया और कहा कि छात्र समुदाय की पवित्रता राजनीति से ऊपर रहनी चाहिए।
उन्होंने उन ‘झूठे दावों’ को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) या कोई अन्य राजनीतिक दल एमजेडपी चुनावों को प्रायोजित करता है या संघ किसी पार्टी लाइनअप के तहत काम करता है।
उन्होंने कहा कि कभी किसी राजनीतिक संगठन से चुनाव प्रचार के लिए धन स्वीकार नहीं किया गया है और न ही कभी स्वीकार किया जाएगा।
डॉ. लालरेमरूआटा ने एमजेडपी के मूल मिशन की पुष्टि करते हुए शिक्षा और छात्र कल्याण को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखा। योजनाओं में आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों की सहायता के लिए एक छात्र सहायता कोष का गठन, राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे मिजो छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मार्गदर्शन कार्यक्रमों तक बेहतर पहुंच और स्नातकों के लिए अधिक रोजगार सुनिश्चित करने के प्रयास शामिल हैं।
उन्होंने पहचान और सुरक्षा के मुद्दों पर मिजो नामों से व्यवसाय करने वाले गैर-मिजो लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का वादा किया और इसे स्थानीय पहचान का दुरुपयोग बताया।
उन्होंने इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली की कड़ी निगरानी की भी घोषणा की और सभी जो उप-समूहों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के लिए नए सिरे से प्रयास करने का आह्वान किया।
–आईएएनएस
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