नारायणपुर, 22 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अभूझमाड़ क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो बड़े माओवादियों को मार गिराया। इन दोनों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी के विजन के साथ मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का संकल्प अवश्य साकार होगा।”
मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई है। ये दोनों तेलंगाना के करीमनगर जिले के निवासी थे और बीते तीन दशक से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति के तहत सक्रिय रूप से माओवादी गतिविधियों में लिप्त थे।
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित अभूझमाड़ इलाके में माओवादियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। सोमवार सुबह से ही माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग होती रही। जब मुठभेड़ थमी तो मौके से दो माओवादियों के शव, हथियार, विस्फोटक और अन्य सामान बरामद किया गया।
ये दोनों माओवादी कई वर्षों से नक्सली हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता थे। इनकी प्लानिंग से कई जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं।
मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान मौके से एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने इस कार्रवाई को माओवादियों के खिलाफ एक बड़ा और निर्णायक झटका बताया।
पुलिस महानिरीक्षक ने अपील करते हुए कहा, “माओवादी गतिविधियां अब अपने अंत की ओर है। यह समय है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ें और मुख्यधारा में लौटें। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत वे सुरक्षा और सम्मान के साथ जीवन शुरू कर सकते हैं।”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए कहा, “नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में हमारे सुरक्षाबलों ने लाल आतंक के खिलाफ एक साहसिक और सफल अभियान को अंजाम दिया। नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 2 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। यह सफलता केवल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव ही नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति, सुरक्षा और विकास की प्रक्रिया को और भी गति प्रदान करती है। डबल इंजन सरकार के निरंतर प्रयासों से प्रदेश में नक्सलवाद का अंत अब पहले से कहीं अधिक निकट और निश्चित होता दिखाई दे रहा है।”
–आईएएनएस
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