चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु में अभिनेता से राजनेता बने विजय की पार्टी तमिझागा वेत्री कझगम (टीवीके) के समर्थन में नेशनल पीपुल्स पावर पार्टी (एनपीपीपी) ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है।
इस याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार विजय के अभियान पर कड़े प्रतिबंध लगा रही है, जो विपक्षी दलों की आवाज दबाने की साजिश है।
टीवीके अध्यक्ष विजय 2026 विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए राज्य के कई जिलों का दौरा कर रहे हैं। पुलिस द्वारा इन अभियान यात्राओं पर कड़ी शर्तें लगाने का आरोप लगाते हुए, टीवीके ने पहले ही मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया था। उस याचिका में पार्टी ने अनुरोध किया था कि अभियान सभाओं की अनुमति के आवेदनों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के विचार किया जाए और तुरंत अनुमति प्रदान की जाए।
टीवीके का कहना है कि पुलिस ने तिरुचिरापल्ली में 13 सितंबर को आयोजित रैली के लिए 23 शर्तें थोप दीं, जिनमें गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को कार्यक्रम में शामिल न होने की मनाही, सभाओं में 30 मिनट से ज्यादा बोलने की सीमा और भीड़ पर पाबंदी शामिल थी। पार्टी का आरोप है कि ये शर्तें केवल टीवीके पर ही लागू की जा रही हैं, जबकि सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कढ़गम (द्रमुक) और मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक के कार्यक्रमों पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है।
एनपीपीपी के अध्यक्ष एम.एल. रवि ने अपनी याचिका में खुद को मामले का पक्षकार बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक विपक्षी दलों की आवाज दबा रही है और लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रही है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि तमिलनाडु पुलिस सत्तारूढ़ द्रमुक की शाखा की तरह काम कर रही है। रवि ने कहा, “सरकार छोटे विपक्षी दलों को कुचलने के लिए पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक पर ऐसे कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए गए, लेकिन विजय जैसे नए चेहरे पर इन्हें सख्ती से लागू किया जा रहा है।”
मामले की पिछली सुनवाई 18 सितंबर को हुई, जिसमें न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार ने राज्य सरकार को सभी राजनीतिक दलों के लिए सार्वजनिक सभाओं, रैलियों और अभियानों के लिए एकसमान दिशानिर्देश बनाने का सुझाव दिया।
–आईएएनएस
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