चिचोली. तहसील अंतर्गत नगर चिचोली मुख्यालय के बाजार चौक में शारदीय नवरात्र के अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा मंचित की जाने वाली रामलीला का सोमवार की रात से शाम मचंन प्रारंभ हों गया हैं।रामलीला मंचन की शुरुआत पर पहले दिन सोमवार की रात,यहां नारद मोह के नाटक का मचंन किया गया।इसके पहले सोमवार की शाम कों सभी कलाकारों ने श्री राममंदिर में पहुंचकर राम दरबार की पूजा-अर्चना कर जाग रोपित कर अखंड ज्योत को प्रज्वलित करके रामजी की स्तुति की.
इसके बाद रामलीला मंच का पूजन कर,रामलीला मे सहयोगी रहे दिवंगत सभी वरिष्ठ कलाकारों को नमन एवं उन्हें श्रृद्धासुमन अर्पित कर,विधिवत रामजी की लीलाओं का नाटक के रूप में मंचन करने की शुरुआत 125 वें वर्ष में कर दी।बढ़े बुजुर्गों द्वारा सन् 1901 से की गई.
इस धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत,,कों निरंतर आगे बढ़ाते हुए इस बार 125 वें वर्ष में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी के जन्म से लेकर रावण वध,श्रीराम राज्याभिषेक तक की संपूर्ण लीलाओं का नाटक के रूप में संगीतमयी मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जा रहा हैं जिसको और अधिक आकर्षक व मार्मिक दिखाने के लिए बीते एक माह से कलाकारों द्वारा बाजार चौक स्थित पटेल निवास देवड़ी में तालीम की जा रहीं थी। चिचोली के बाजार चौक स्थित रामलीला मंच पर प्रतिदिन रात्रि 9 बजे से रामलीला नाटक का मचंन किया जा रहा हैं।
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विदित हो नगर चिचोली में शारदीय नवरात्र के पावन शुभ अवसर पर स्थानीय कलाकारों के अभिनय से सन् 1901 में यहां रामलीला के मंचन की शुरुआत की गई थी जों साल-दर-साल..पीढ़ी दर पीढ़ी..निरंतर की जाते आ रही हैं।इस बार भी सन् 2025 में नवयुवक मानस मंडल के मार्गदर्शन एवं रामलीला मंडल के तत्वावधान में स्थानीय कलाकारों द्वारा 125 वें वर्ष में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी की संपूर्ण लीलाओं को नाटक के रूप में मंच पर मंचित किये जाने का पुनीत कार्य सोमवार की रात से प्रारंभ हों गया हैं.
जिसकी शुरूआत सोमवार की रात नारद मोह का मंचन करके की गई।आज मंगलवार की रात यहां श्रीराम जन्म एवं कल बुधवार की रात यहां मारिच सुबाहु ताड़का वध के नाटक का मचंन किया जाएगा।इस बार सोमवार 22 सितम्बर से गुरूवार 2 अक्टूबर दशहरे के दिन तक पूरे 11 दिनों तक रामलीला का मंचन होगा।